नई दिल्ली। रूस के यूक्रेन पर हमले के बीच भारत का ऑपरेशन गंगा अभियान (Operation Ganga) देश के साथ ही पड़ोसी देशों से भी तारीफ हासिल कर रहा है। ऑपरेशन गंगा से भारत ने एक बार फिर साबित किया है कि वह संकट की घड़ी में खुद के साथ ही मानवीय आधार पर दूसरे देशों की मदद करने से भी कभी गुरेज नहीं करता है। भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों के साथ ही बांग्लादेश, नेपाल और ट्यूनीशिया के नागरिकों को भी वहां से निकाला। भारत ने बांग्लादेश के 9 और पड़ोसी देश नेपाल के 3 छात्रों को यूक्रेन से रेस्क्यू किया था।
भारत के प्रयास की तारीफ पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश ने भी की है। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने 9 बांग्लादेशी नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद किया है। भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से यह बताया गया कि सरकार ने बांग्लादेशी नागरिकों के साथ ही नेपाल और ट्यूनिशिया के लोगों को भी निकाला। भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीय को सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए चार मंत्रियों को भी यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा।
भारत ने मिशन ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत 76 उड़ानों से अपने करीब 19,000 नागरिकों की वापसी कराई है। यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी को रूस के सैन्य हमले शुरू होने के बाद 26 फरवरी को अभियान शुरू किया गया था। केंद्र सरकार का कहना है कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत 75 विशेष नागरिक चार्टर विमान यूक्रेन के पड़ोसी देशों से करीब 19 हजार भारतीय नागरिकों को वापस लेकर आए हैं। नागरिकों को वापस लाने के लिए कई विशेष चार्टर के साथ-साथ भारतीय वायुसेना की उड़ानें भी तैनात की थीं।
भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों के अधिकारियों से अनुरोध किया था कि छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए एक कॉरिडोर बनाया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्तमान संघर्ष की स्थिति और उसके नतीजतन मानवता पर आने वाले संकट के बारे में गहरी चिंता प्रकट की थी। उन्होंने हिंसा को फौरन रोकने की जरूरत बताई। प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन पर हमला शुरू होने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी तीन बार बात कर चुके हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरविंद बागची ने शनिवार को कहा था कि करीब करीब सभी भारतीय खारकीव से निकल चुके हैं।
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