नागदा। सत्रह वर्षीय रितेश गुर्जरवाडिया का पहले अपहरण और बाद में हत्या के मामले को पुलिस ने मात्र 24 घंटों में सुलझा लिया है। मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि मृतक को उसके दोस्त ने पहले घुमाया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी और पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे पर एसिड डाल दिया था।
मामले का खुलासा करते हुए सीएसपी मनोज रत्नाकर और थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा ने बताया कि मृतक रितेश के दोस्त सत्यम पिता ईश्वर निबोला निवासी शिव कॉलोनी बेरछा रोड नागदा से शंका होने पर पूछताछ की तो पहले तो उसने उसे बस स्टैंड पर छोडऩा और रितेश को किसी दोस्त के साथ सायकल पर जाने की बात बताई। पुलिस ने बस स्टैंड पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखे जिसमें संदिग्ध बातें सामने आई। इस पर सत्यम से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच्चाई उगलना शुरू कर दिया। सत्यम ने बताया की रितेश ने ऑनलाइन गेम खेलने के लिए उससे 5 हजार रुपए उधार लिए थे जो वापस नहीं कर रहा था। इस बात पर 8 जुलाई को सुबह रितेश से उसने रुपए मांगे थे जिस पर विवाद हुआ और जमकर गाली-गलौज हुई। इस दौरान रितेश ने कहा की रुपए नहीं दूंगा तू जो कर सकता है कर ले। उसी दिन सत्यम ने रितेश को मारने की योजना बना ली थी और उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसके परिवार वालों से फिरौती के रुपये की प्लानिंग की और 9 जुलाई को सुबह 9 बजे रितेश से लड़ाई पर सुलह करने की बात की और कहा कि बीसीआई में फोटो खींचने चलेंगे। प्लानिंग के मुताबिक दोपहर 11 बजे के करीब बस स्टैड गया और गुरु प्लास्टिक वाले की दुकान से टॉयलेट साफ करने का कहकर 10 रुपए में एसिड की बॉटल ली और बिरलाग्राम के बीसीआई खण्डर के एक कमरे छिपाकर रख दी और लौट आया। बाद में सत्यम शाम 5 बजे अपने छोटे भाई एवं रितेश को लेकर कराते क्लास गया तथा साढ़े 6 बजे क्लास छूटने के बाद रितेश से उसका मोबाइल देखने के लिए लिया तथा चुपके से उसकी सिम निकाल दी और मोबाइल अपने पास रख लिया। कराते क्लास से तीनों मोटर सायकल से बस स्टैंड आए और शुभम को वहीं छोड़ दिया। इसके बाद वह रितेश को मोटरसायकल से मिर्ची बाजार तस्वीर लेने गया जो नहीं मिली। फिर बस स्टैण्ड से शुभम को लेकर योगेश मीणा के घर शाम को 7 बजे पहुंच कर शुभम को वहाँ छोड़ा। योजना के मुताबिक वह रितेश को लेकर बीसीआई खण्डर फोटो खींचने के बहाने पहुंचा। मोटर साइकिल बाहर खड़ी कर फोटो खीचने के लिए दोनों अंदर गए, जहां उसने रितेश से 5 हजार रुपये लौटाने को कहा। जिस पर फिर विवाद हुआ और हाथापाई हो गई। इस दौरान उसने कराते के दो पंच रितेश को मारे जिससे वह जमीन पर गिर गया, फिर अपनी कोहनी से उसके गला दबार मार दिया और छिपाकर रखी एसिड की बोतल को रितेश के चेहरे पर डाल दिया जिससे कोई उसको पहचान नहीं पाए। बाद में आरोपी बीसीआई खण्डर से अपनी मोटरसाइकिल से बस स्टैंड पहुँचा और रितेश के मोबाइल की सिम को मोबाइल में लगाकर उसी के मोबाइल से रितेश के पिता को फोन लगाकर एक लाख रुपये की मांग की। बाद में सिम निकालकर हर्ष ठाकुर के पास गया और कहा की यह मोबाइल रख लेना, मंै वापस ले जाऊँगा। हर्ष ठाकुर के पास मोबाइल छोड़ कर योगेश मीणा के घर जाकर अपने छोटे भाई शुभम को लेकर अपने घर चला आया। कुछ देर बाद रितेश के परिवार वालों ने उससे पूछा की रितेश तुम्हारे साथ गया था तो उसने बताया कि मैंने उसे बस स्टैंड पर छोड़ा था और दिखावा करने के लिए परिजनों के साथ रितेश को ढंूढने निकल पड़ा। पुलिस ने उसके कपड़े, मृतक का मोबाईल और उसकी मोटरसायकल बरामद कर ली है।
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