नई दिल्ली । गर्मियों का मौसम (summer season) शुरू हो चुका है. इस साल वक्त से पहले पड़ने वाली इस गर्मी ने लोगों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है. गर्मियों में गला सूखना और लगातार प्यास का एहसास होना काफी आम है. इसका सिंपल सा मतलब होता है कि आपके शरीर को पानी (Water) की जरूरत है ताकि, डिहाईड्रेशन (dehydration) की समस्या से बचा जा सके. वहीं, बार-बार गला सूखना और पानी की प्यास बहुत ज्यादा लगना किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है. ऐसे में अगर आपको महसूस हो कि आपको पानी पीने के बाद भी बहुत ज्यादा प्यास लग रही है, और आप इस प्यास को कंट्रोल करने में असमर्थ हैं तो आपको डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए.
यह समस्या होने पर डॉक्टर सबसे पहले डायबिटीज के टेस्ट के लिए बोलते हैं. क्योंकि यह समस्या डायबिटीज के आम लक्षणों में से एक है. लेकिन अगर आपका डायबिटीज टेस्ट ठीक है और इसके बावजूद भी आपको इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो जरूरी है कि आप थोड़ा गहराई में जाकर सोचें और पता लगाएं कि ऐसा क्यों है.
बता दें कि पानी पीने के बावजूद भी बार-बार प्यास लगना आंत से जुड़ी किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. बार-बार प्यास लगने का एक कारण आंत का कैंसर हो सकता है.
आंत का कैंसर काफी धीमी गति से शरीर में बढ़ता है. इसके लक्षण काफी देर में नजर आते हैं. लेकिन अगर समय से पहले इसका पता चल जाए तो इस गंभीर बीमारी के खतरे से बचा जा सकता है. आंत का कैंसर होने पर कई लक्षण नजर आते हैं जैसे, दर्द, थकान महसूस करना, भूख कम लगना, वजन कम होना आदि. अगर ये कैंसर शरीर के बाकी हिस्सों में फैलता है तो यह हाइपरलकसीमिया का कारण बन सकता है. यह तब होता है जब डैमेज हड्डियों से कैल्शियम ब्लड में रिलीज होता है, इससे मरीज को काफी ज्यादा प्यास लगती है.
आंत के कैंसर के लक्षण (Bowel Cancer Symptoms)
– मल त्यागने की आदतों में बदलाव
– मल में खून आना
– पेट में दर्द, बेचैनी और ब्लोटिंग
– कब्ज
– एनल और रेक्टम के आसपास गांठ बनना
– वजन कम होना
– यूरिन में ब्लड आना, बार-बार यूरिन पास करना, साथ ही यूरिन के कलर में बदलाव
अगर आपके शरीर में इस तरह के कोई भी लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए, ताकि समय पर इस बीमारी का पता लगाया जा सके और इसके खतरनाक प्रभावों को रोका जा सके.
आंत के कैंसर के कारण (Causes Of Bowel Cancer )
फैमिली हिस्ट्री- जिन लोगों के माता-पिता को ये बीमारी हो चुकी है उनके बच्चों में भी इसके होने का खतरा काफी ज्यादा होता है.
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