नई दिल्ली. फ्रांस के सुपर हैवीवेट मुक्केबाज मोराद अलिवे टोक्यो ओलंपिक (tokyo olympics 2020) के क्वार्टर फाइनल मुकाबले से डिस्क्वालिफाई होने के बाद काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं. कारण उनका विरोध करना है. ब्रिटेन के फ्रेजर क्लार्क के खिलाफ अलिवे को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था. जिसके बाद वह करीब आधे घंटे रिंग के बाहर धरने पर बैठे रहे.
दरअसल मुकाबले का दूसरा राउंड खत्म होने में महज चार सेकंड ही बचे थे और रेफरी ने मुकाबला रोक दिया. इसके बाद फ्रांस के मुक्केबाज गुस्से में उछले, अपना माउथ गार्ड निकालकर फेंका और उसे पैर से मारा. उन्होंने टीवी कैमरे पर पंच जड़ दिया. मुकाबले के दौरान क्लार्क के आंख के ऊपर कट लग गया था. रेफरी ने इसे अलिवे की तरफ से जानबूझकर हेडबट माना और उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया. जबकि अलिवे मुकाबले में दबदबा बनाए हुए थे.
करीब आधे घंटे रिंग के बाहर बैठे रहे
इसके बाद वह करीब आधे घंटे रिंग के बाहर बैठे रहे और अपना विरोध दर्ज करवाया. अधिकारियों से काफी बातचीत और फोन कॉल्स के बाद वह एरिना से बाहर गए. यह क्वार्टर फाइनल मुकाबला दूसरे राउंड में ही खत्म हो गया और क्लार्क ने सेमीफाइनल में जगह बनाने के साथ ही ब्रॉन्ज मेडल भी पक्का कर लिया. उन्होंने कहा कि फ्रांस के मुक्केबाज के लिए उनकी सहानुभूति है. साथ ही यह भी सलाह दी है कि वह अपनी प्रतिष्ठा को बर्बाद न करें.
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