उज्जैन। शहर के पर्यावरण प्रेमी लोगों ने आजादी का 77वां पर्व घर बैठ कर नहीं मनाया। पर्यावरण प्रेमी घर से निकले और अलग-अलग औजार लेकर लोहे की जंजीरों, जालियों और तारों से जकड़े पेड़ों को मुक्त किया। उज्जैन के पर्यावरण प्रेमियों ने दर्जनों पेड़ों को लोहे की जंजीरों से आजादी दिलाई।
देश के 77वें आजादी के पर्व पर पर्यावरण प्रेमियों को उन पेड़ों की चिंता हुई जो वर्षों से लोहे की जंजीरों में कैद हैं। आजादी का जश्न मनाने के लिए पर्यावरण प्रेमियों ने अनूठी पहल की है। शहर के पेड़ों को लोहे की जंजीरों, जालियों और तारों से मुक्त करने का बीड़ा उठाया।
पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि आजाद नगर बगीचे में लगे नीम, पीपल, बड़ के पेड़ काफी बड़े हो चुके थे और ट्री गार्ड की वजह से जंजीरों में फंसे हुए थे। इन पेड़ों को ट्री गार्ड से मुक्त कराया गया। बंधन से मुक्त करने के बाद पेड़ों को आजादी मिलने पर पूजन किया गया। पर्यावरण प्रेमी परिवार एवं पर्यावरण संरक्षण गतिविधि महानगर के सदस्यों में पेड़ों को बंधन मुक्त करने में प्रशांत शर्मा, गौरव मालपानी, विकास राजपुरोहित और गौरव शर्मा उपस्थित रहे। पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि पौधे छोटे रहते हैं तब ट्री गार्ड लगाया जाता है लेकिन पौधे जब पेड़ बन जाते हैं और ट्री गार्ड नहीं हटाया जाता है तब इसकी जालियाँ पेड़ों में फंस जाती है और पेड़ पूरी तरह से बड़ा नहीं हो पाता है। इसलिए समय रहते पेड़ों के आसपास लगे ट्री गार्ड को हटाना चाहिए।
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