इंदौर। पिछले दिनों इंदौर में अमीरन भिखारिन पकड़ाई थी, जिसकी खबर अग्निबाण ने प्रकाशित की थी। उसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से यह खबर देशभर में जमकर वायरल हुई और दिल्ली के बड़े न्यूज चैनलों और अन्य समाचार माध्यमों ने भी इसका कवरेज किया। इंदौर में ही इस महिला ने 45 दिन में लगभग ढाई लाख रुपए कमाए और जब उसे पकड़ा, तब भी उसके पास 19 हजार रुपए नकद मिले, वहीं कल भी प्रशासन द्वारा गठित 7 दलों ने अभियान चलाया और 13 बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराते हुए अपनी अभिरक्षा में लिया और अन्य 477 को भिक्षावृत्ति न करने की समझाइश भी दी गई।
कलेक्टर आशीष सिंह ने पिछले दिनों बैठक लेकर यह स्पष्ट निर्देश दिए कि सबसे पहले बाल भिक्षुकों को मुक्त कराया जाए, साथ ही अन्य भिखारियों के पुनर्वास के प्रयास भी किए जाएंगे। संस्था प्रवेश, जो कि भिक्षावृत्ति के खिलाफ लगातार निगम, प्रशासन, पुलिस के साथ काम करती रही है, उसकी प्रमुख रूपाली जैन ने बताया कि पिछले दिनों राजस्थान से आई जिस महिला को पकड़ा था, उसे तो कोर्ट ने जेल भिजवा दिया, वहीं उसके साथ आए परिजनों को भी भिक्षावृत्ति न करने की सलाह दी गई है। अभी जो अभियान चल रहा है, उसके चलते मंदिरों-चौराहों पर भिखारियों की संख्या कुछ घटी भी है, वहीं जो गिरोह चलाते हैं, वे भी अंडरग्राउंड हो गए हैं। दूसरी तरफ जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि अभियान अंतर्गत गुरुवार को भी गठित दलों द्वारा भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान चलाया गया, जिसमें कुल 101 पंडित, मौलवी, आमजन एवं 13 परिवारों, माता-पिता एवं 2 बालकों के दल के सदस्यों द्वारा भिक्षावृत्ति नहीं करने की समझाइश दी गई।
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