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    VIP की बेडिय़ों से मुक्त करो महाकाल मंदिर..

  • May 30, 2022

    • पहले भी हो चुका है हादसा लेकिन कोई सबक नहीं लिया-आम दर्शनार्थी होते हैं त्रस्त

    उज्जैन। महाकाल मंदिर दिनोंदिन प्रसिद्ध होता जा रहा है और आमजन बड़ी संख्या में यहाँ पहुँचते हैं लेकिन वीआईपी ड्यूटी सिरदर्द बनी हुई है और पूर्व में इसी मंदिर के गर्भगृह में बड़ा हादसा हो चुका है। इस राष्ट्रपति के आगमन के बाद भविष्य के इस ख़तरे के प्रति फिर ध्यान गया है। महाकाल मंदिर में आज ही के दिन सोमवती अमावस्या के अवसर पर कई वर्षों पूर्व हादसा हुआ था और गर्भगृह में भीड़ के कारण 30 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।


    उस समय हादसे की जाँच के लिए न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता में आयोग का गठन हुआ था और यह निष्कर्ष निकला था कि वीआईपी ड्यूटी के कारण भीड़ को रोकना पड़ा और उसी से भगदड़ मची लेकिन इतने वर्षों बाद भीमहाकाल मंदिर को विशिष्ट लोगों के प्रोटोकाल से मुक्त नहीं कराया गया है जबकि गुरुद्वारों में एवं अन्य संप्रदाय के धर्म स्थानों में इस कदर वीआईपी कल्चर नहीं दिखाई देता। उज्जैन के महाकाल मंदिर में राष्ट्रपति के आगमन के दौरान जिस तरह कुर्सियां लगायी गई और पूरे मंदिर की व्यवस्था बदल दी गई उससे ऐसा संदेश गया कि राष्ट्रपति के प्रोटोकाल के आगे बाबा महाकाल का कोई प्रोटोकाल नहीं है और यह जन चर्चा का विषय बना हुआ है। क्या आने वाले समय में कोई हादसा होगा या लोग मरेंगे तभी प्रशासन को अथवा शासन को अक्ल आएगी। राष्ट्रपति के आगमन के दौरान जिस तरह रोक टोक की गई है वह आम जनमानस के लिए न केवल तकलीफ दायी है बल्कि यह भी सोचने को मजबूर करता है कि भारत जैसे देश में किसी विशिष्ट व्यक्ति के लिए सब कुछ बदला जा सकता है..!

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