लखनऊ । केंद्र सरकार (Central Government) की प्रमुख उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) के तहत साल में दो बार (Twice a Year) मुफ्त एलपीजी सिलेंडर (Free LPG Cylinders) का वितरण (Distribution) केवल हिंदू समुदाय के लोकप्रिय त्योहारों जैसे होली और दिवाली पर (On Holi and Diwali) किए जाने का कोई धार्मिक कनेक्शन नहीं होगा (Will have no Religious Connection) । इसके बजाय, यूपी सरकार ने दो अवधि के बैंड, जनवरी से मार्च और अक्टूबर से दिसंबर तक तय करने का फैसला किया है, जब राज्य में 1.65 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को छूट दी जाएगी।
मार्च के बाद लगभग 15 करोड़ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मुफ्त राशन वितरण की योजना का विस्तार करने की राज्य सरकार की योजना के बीच विकास आया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने कहा कि मुफ्त गैस सिलेंडर वितरण योजना किसी समुदाय विशेष या धर्म के किसी त्योहार से संबंधित नहीं है।
दुबे ने संवाददाताओं से कहा, “योजना को एक निर्धारित अवधि में क्रियान्वित करने से इसका प्रभावी कार्यान्वयन और व्यापक पहुंच सुनिश्चित होगी।” उन्होंने यह भी पुष्टि की है कि मुफ्त राशन योजना को मार्च के बाद बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है। हाल ही में संपन्न यूपी चुनावों में भाजपा ने होली और दिवाली के दौरान गैस सिलेंडर का मुफ्त वितरण प्रमुख चुनावी वादों में से एक था।
उज्ज्वला योजना को 2017 के विधानसभा चुनावों, 2019 के लोकसभा चुनावों और अब 2022 के यूपी चुनावों में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2016 में बलिया से हरी झंडी दिखाई थी, जबकि यूपी में योजना के पहले चरण के दौरान लगभग 1.47 करोड़ कनेक्शन प्रदान किए गए थे, दूसरा चरण जो पिछले साल अगस्त में महोबा से शुरू किया गया था, उसमें अतिरिक्त 20 लाख गैस कनेक्शन का प्रस्ताव दिया था। राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक, साल में दो बार मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने वाली योजना के लागू होने पर सालाना करीब 4,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
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