सिरोंज। नगर सिरोंज में जैसे बाजार गलियो मे किराने की दुकाने संचालित हो रही है उसी तर्ज पर अब नगर में निजी क्लीनिक भी संचालित होने लगे है गौरतलब हो कि नगर में आये दिन झोलाछाप डाक्टरों द्धारा मरीजों की जान से खिलवाड कर रहे है अगर इन झोलाछाप डाक्टरों द्धारा कोई गलत इलाज कर दिया जाता है तों वों स्वयं भोपाल या इंदौर मरीज को ले जाकर उसका इलाज कराते है फिर कही जाकर वों मरीज ठीक हो पाता है । नगर में कई ऐसे झोलाछाप डाक्टर है जिनके पास कोई न तों डिग्री है और न कोई डिप्लोपा लेकिन इलाज हर मर्ज का कर रहे है क्यो कि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग कुंभ करंण की नीद सोया हुआ है ।
जगह-जगह बैठी है महिला डाक्टर
छोटी छोटी सकडी गलियों मे महिला डाक्टर द्धारा धडल्ले से इलाज कर रही है व खुलेआम डिलेवरियां कराई जा रही है और अपने ही क्लीनिक पर से दवाईयां भी दी जा रही है और एक मरीज से करीब 1500 से लेकर 2000 हजार तक ले रही है और महिलाओं का इलाज जारी है लेकिन जों नगर में जगह-जगह महिला डाक्टर द्धारा डिलेवरियां कराई जा रही है इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्धारा कोई कार्यावाही नही की जाती है।
टीम गठित होते ही कैसे लग जाती है क्लीनिक संचालकों को भनक
जहां देखा जाए कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्धारा नगर क क्लीनिकों एवं नार्सिग होमों की जांच के लिए टीम गठित की गई है तों टीम जैसे ही नगर मे निरक्षण क लिए निकलती है उससे पहले ही क्लीनिकों के संचालकों को पता लग जाता है और क्लीनिक बंद करके भाग जाते है जिससे कार्यवाही से बच सके । नगर में फर्जी क्लेनिकों के संचालकों का काफी तगडा नेटवर्क है जिससे कार्यवाही से बच जाते है ।
मौत के बाद भी नही जागा स्वास्थ्य विभाग
नगर में एक निजी क्लीनिक पर महिला की मौत के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग नही जागा है और नगर मे जगह-जगह झोलाझाप डाक्टर बैठे इलाज कर रहे है उन्हे किसी का कोई डर नही है इसी लिए आये दिन लोगो की जान के साथ खिलवाड हो रहा है लेकिन जिम्मेदार विभाग द्धारा क्लेनिको की जांच नही की जा रही है और धडल्ले से इलाज कर रहे है । स्वास्थ्य विभाग द्धारा क्लीनिको की जांच न होना इससे कई सवाल खडे हो रहे है और चर्चा का विषय बना हुआ है ।
डिग्री है न डिप्लोपा फिर भी कर रहे है इलाज
नगर में हर गली मोहल्लेे में क्लीनिक खुले हुए है जिनके पास न तों कोई डिग्री है न कोई डिप्लोपा फिर भी हर बीमारी का इलाज कर रहे है । उल्लेखनीय हो कि क्लीनिक संचालितकर्ता मरीज का इलाज ठेके पर भी करते है और अगर मरीज ठीक न हो तों इसकी गारंटी भी लेते है । क्लीनिक संचालक पर कौनसी डिग्री है कौनसा डिप्लोपा है स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों नें कभी यह जहमत नही कि इनकी डिग्री भी चेक की जाए जिससे की पता चले कि कौन सी डिग्री लेकर यह इलाज कर रहे है ।
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