क्रिकेट मैच के नाम पर एमपीसीए की लूटपट्टी , आठ लोगों की फर्मों से पैसा किया ट्रांसफर – सुबह दिखावे के लिए खोली थी साइड
इंदौर। भारत-दक्षिण अफ्रीका टी-20 मैच (India-South Africa T20 match) में टिकटों की कालाबाजारी के आरोप एमपीसीए पदाधिकारियों (MPCA office bearers) पर लगे हैं। इस मामले में 19700 ऑनलाइन बेचे गए टिकटों में भी बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया और रातभर एमपीसीए के दफ्तर में ही तीन लैपटॉप के साथ फर्जी बुकिंग (Booking) करवाई गई और 8 व्यक्तियों की फर्मों से पैसा पेटीएम इनसाइडर की वेबसाइट के माध्यम से ट्रांसफर किया गया। आईडीबीआई बैंक के आठ खातों का उपयोग इस ट्रांजेक्शन (Transaction) के लिए किया गया और एमपीसीए का खाता भी इसी बैंक में है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के सचिव राकेशसिंह यादव ने उक्त आरोप लगाते हुए बताया कि 21 अक्टूबर की रात साढ़े 9 से सुबह साढ़े 6 बजे तक तीन लैपटॉप के माध्यम से ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग की गई और फिर सुबह दिखावे के लिए साइट खोली गई, जो चंद मिनट बाद ही बंद भी हो गई। बमुश्किल 1000-500 टिकट ही आम जनता को मिले होंगे और पर्दे के पीछे से अधिकांश ऑनलाइन टिकटों की इस तरह सुनियोजित लूट की गई। पिछले दिनों एमपीसीए अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर का निगम अधिकारियों से हुआ विवाद भी सुर्खियों में रहा। वहीं टिकट घोटाले की जांच रोहित पंडित और करमडीकर सहित अन्य के खिलाफ अगर की जाए तो यह पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो सकता है।
800 सिक्योरिटी गार्डों की तैनाती में भी किया बड़ा घपला
मैच के लिए जहां इंदौर की इवेंट कंपनी को अवैध तरीके से ठेका दिया गया, उसी तरह 800 लगाए गए सिक्योरिटी गार्ड में भी घपला हुआ। जब डेढ़ हजार पुलिस जवान तैनात किए गए थे तो 800 गार्ड लगाए ही नहीं गए। 100 से भी कम गार्ड लगाकर अन्य सभी गार्डों का भी भुगतान करवा लिया गया। ये सभी गार्ड बालाजी सिक्योरिटी से लेना बताए गए और ठेका भी बिना टेंडर दिया गया। वहीं मैच के दौरान 260 सीसीटीवी कैमरे लगाना बताए गए, जबकि हकीकत में 24 कैमरे ही चालू थे। पुलिस प्रशासन द्वारा व्यवस्था के लिए लगाए गए जवानों का बिल क्रिकेट एसोसिएशन को दिया जा सकता है। इस तरह का फैसला पुलिस प्रशासन ने पूर्व में लिया था कि निजी आयोजनों की व्यवस्थाओं का शुल्क आयोजकों से वसूलेंगे।
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