चंडीगढ़ । हरियाणा के जींद में (In Jind Haryana) बॉलीवुड अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ के खिलाफ (Against Bollywood actors Shreyas Talpade and Alok Nath) धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया (Fraud case Registered) । मामला ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी का है, जिस पर लोगों से करोड़ों रुपए ठगने का आरोप है ।
जानकारी के मुताबिक, यह सोसाइटी मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) मॉडल पर काम करती थी और निवेशकों को भारी मुनाफे का लालच देकर पैसा जुटाती थी। निवेशकों से वादा किया जाता था कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें तुरंत रिटर्न दिया जाएगा, लेकिन समय बीतने के साथ कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब होती गई और आखिरकार निवेशकों को उनका पैसा वापस नहीं मिला। कंपनी फरार और एफआईआर निवेशकों की शिकायत के आधार पर जुलाना थाना पुलिस ने सोसाइटी के सीएमडी श्रेयस तलपड़े, आलोक नाथ और अन्य जुड़े लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। रिपोर्ट के अनुसार, सोसायटी ने हरियाणा समेत कई राज्यों में अपनी शाखाएं खोली थीं और फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य बचत योजनाओं की आड़ में लोगों से करोड़ों रुपये जुटाए थे।
शुरू में सोसायटी ने निवेशकों को समय पर पैसे लौटाए, जिससे उनका भरोसा बढ़ा। लेकिन 2023 में स्थिति बदलने लगी। सबसे पहले, एजेंटों के प्रोत्साहन रोक दिए गए, उसके बाद निवेशकों को भुगतान में देरी होने लगी। कंपनी ने सिस्टम अपग्रेड और तकनीकी दिक्कतों का हवाला देकर पैसे लौटाने से मना करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे, सोसायटी के मालिकों ने निवेशकों और एजेंटों से पूरी तरह से संपर्क तोड़ दिया।
इस घोटाले को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। सोसायटी ने लोगों का भरोसा जीतने के लिए मशहूर हस्तियों को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया। विज्ञापन खूब चलाए गए और एमएलएम स्कीम के जरिए नए निवेशकों को जोड़ा गया। खास बात यह है कि निवेशकों ने खुद ही अपने परिचितों को जोड़ना शुरू कर दिया, जिससे कंपनी की साख बढ़ गई।
अब जब इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया है, तो प्रभावित लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। हालांकि कानून प्रवर्तन एजेंसी ने अपनी जांच शुरू कर दी है, लेकिन पहली चिंता अभी भी यही है कि निवेशकों ने जो पैसा खोया है, क्या उसे वापस मिलेगा। बिना सोचे-समझे हर योजना का समर्थन करने के जोखिमों पर जोर देते हुए, यह धोखा देश भर में पाई जाने वाली ऐसी सभी कुटिल परियोजनाओं के लिए चेतावनी के रूप में कार्य करता है। हालांकि यह समस्या सिर्फ जींद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक बड़ा सबक है, जो इसमें शामिल होने से पहले हर वित्तीय योजना की सावधानीपूर्वक जांच करने की आवश्यकता पर जोर देता है।
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