नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय पेरिस यात्रा से पहले फ्रांस ने भारत को बड़ा ऑफर दे दिया है. फ्रांस ने अमेरिका और भारत के बीच GE-414 इंजन सौदे से कई कदम आगे की पेशकश कर दी है. फ्रांस की सरकार ने भारत को ऐसे इंजन को संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित, टेस्टिंग और सर्टिफाइट करने का प्रस्ताव दिया है. फ्रांस की ओर से भारत के लिए इस प्रस्ताव को काफी अहम माना जा रहा है. अगर डील पर मुहर लगती है तो इससे भारत के ट्विन इंजन लड़ाकू विमानों के साथ उन फाइटर जेटों को भी मदद मिलेगी जिनका संचालन विमानवाहक पोतों से हो रहा है.
हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा है कि फ्रांस की ओर से प्रस्तावित 100 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का प्रस्ताव यूएस इंटरनेशनल ट्रेड इन आर्म्स रेगुलेशन (ITAR) से मुक्त है और प्रस्तावित 110 किलो न्यूटन इंजन पूरी तरह से मेड इंन इंडिया होगा, मतलब इंजन का निर्माण भारत में ही किया जाएगा. डीआरडीओ प्रमुख डॉ समीर वी कामत ने हाल ही में संपन्न हुई पेरिस एयर शो के दौरान सफरान इंजन फैक्ट्र एंड रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर का विशेष दौरा किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस के प्रस्ताव को लेकर दोनों देशों के रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के बीच चर्चा चल रही है. बता दें कि पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा के लिए 13 जुलाई को दोपहर बाद पेरिस पहुंचेंगे. 13 जुलाई को ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता होने की उम्मीद है. इसके अगले दिन यानी 14 जुलाई को पीएम मोदी बैस्टिल दिवस समारोह में शामिल होंगे. बैस्टिल डे फ्लाई-पास्ट में भारतीय वायु सेना का राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेगा.
बता दें कि पीएम मोदी हाल ही में अमेरिका दौरे पर गए थे. जहां भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और विज्ञान के क्षेत्र को लेकर कई समझौते हुए. इनमें सबसे अहम समझौता अमेरिका की जीई एयरोस्पेस कंपनी के इंजन प्लांट को भारत में लगाने को लेकर हुआ. इस समझौते के बाद अब यह तो साफ हो चुका है कि फाइटर जेट्स के इंजन अब भारत में बनेंगे. हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इसमें जीई की मदद करेगी. जीई और एचएएल की मदद से बनाए गए जेट्स इंजनों का इस्तेमाल भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस-एमके-2 में किया जाएगा.
ऐसे में अब देखना है कि फ्रांस के प्रस्ताव पर भारत का क्या रवैया होता है. बताया जा रहा है कि अमेरिकी की तुलना में फ्रांस की यह डील काफी भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. हालांकि, फ्रांस के प्रस्ताव पर सरकार अभी तक चुप्पी साधे हुई हैं. सूत्रों के मुताबिक, फ्रांस के प्रस्ताव पर सरकार विचार विमर्श कर रही है.
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