पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत के साथ दोस्ती निभाते हुए पाकिस्तान की मदद से साफ इन्कार कर दिया है। पाकिस्तान ने अपने मिराज फाइटर जेट और एयर डिफेंस सिस्टम के साथ अगोस्टा पनडुब्बियों को अपग्रेड करने की सहायता मांगी थी। फ्रांस के राष्ट्रपति ने पाक के इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को समर्थन देने की आलोचना की थी। तभी से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव व्याप्त है। फ्रांस का यह कदम इससे जोड़ कर देखा जा रहा है।
इतना ही फ्रांस ने कतर से भी अनुरोध किया है कि वह पाकिस्तान मूल के टेक्नीशियन्स को अपने फाइटर जेट पर काम नहीं करने दे। फ्रांस को यह भय सता रहा है वह फाइटर के बारे में तकनीकी जानकारी पाकिस्तान को लीक कर सकता है। खास बात यह है कि ये फाइटर जेट भारत की सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान इन्हीं जेटों का इस्तेमाल करता है। पाकिस्तान जेट से जुड़ी संवेदनशील जानकारियों को चीन से भी साझा करता रहा है।
उधर, फ्रांस ने पाकिस्तानी शरणार्थियों के बारे में भी कड़ी समीक्षा शुरू कर दिया है। इस वर्ष सितंबर महीने में पाकिस्तानी मूल के अली हसन ने शार्ली हेब्दो नाम की फ्रांस के मैगजीन के पुराने दफ्तर के बाहर दो लोगों पर हमला कर दिया था। शार्ली हेब्दो मैगजीन में ही पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छपे थे। इस हमले के बाद अली हसन के पिता ने एक न्यूज चैनल में बेटे की तारीफ की थी। हाल में फ्रांस ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला को आश्वस्त किया था कि वह अपने रणनीतिक साझेदार की सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील है। फ्रांस ने कहा था कि भारत के लिए संभावित खतरों को देखते हुए पाकिस्तानी मूल के टेक्नीशियन को राफेल फाइटर जेट से दूर रखने के लिए कहा है। पिछले कुछ वक्त से पाकिस्तान और फ्रांस के रिश्तों में खटास आई है। फ़्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छपने का बचाव किया था और कहा था कि उनके देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमेशा कायम रहेगी। उनके इस बयान पर इमरान खान ने मैक्रों पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
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