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फ्रांस : चुनावी इतिहास बदला, 28 साल का युवा बन सकता है प्रधानमंत्री, मैक्रों की पार्टी हारी

नई दिल्‍ली. बीते 5 साल में दुनिया में जहां भी चुनाव (Election) हुए, भारत (India) को छोड़कर हर जगह उलटपुलट देखने को मिला. लेकिन फ्रांस (France) में तो पूरा चुनावी इत‍िहास (Election history) ही बदलता नजर आ रहा है. वहां के संसदीय चुनावों में पहले तो रिकॉर्ड मतदान हुआ, और अब 28 साल का एक लड़का प्रधानमंत्री बनने की दहलीज खड़ा है. वह लड़का ज‍िसने राष्‍ट्रपत‍ि इमैनुअल मैक्रों (President Emmanuel Macron) की पार्टी को धूल चटा दी है. इतना ही नहीं, सबसे ताकतवर रही न्यू पॉपुलर फ्रंट अलायंस को भी बाहर का रास्‍ता दिखा दिया है. दिग्‍गज नेताओं करारी श‍िकस्‍त दे दी है.


फ्रांस के संसदीय चुनावों में पहली बार धुर दक्ष‍िणपंथी पार्टी नेशनल रैली की सरकार बनने का रास्‍ता साफ हो गया है. नेशनल रैली को 33.1 फीसदी वोट मिले हैं और वामपंथी गठबंधन को 28 फीसदी. जबकि राष्‍ट्रपत‍ि इमैनुअल मैक्रों की पार्टी को महज 20.7 फीसदी वोटों से संतोष करना पड़ा है. देश के इत‍िहास में ऐसा पहली बार है, जब नेशनल रैली को इतनी भारी सफलता मिलने जा रही है. आप जानकर हैरान होंगे क‍ि इसके नेता जॉर्दन बरदेला की उम्र सिर्फ 28 साल है. उन्‍होंने अपने दम पर मजबूत मैक्रों की पार्टी को न सिर्फ ह‍िलाकर रख दिया, बल्‍क‍ि प्रधानमंत्री बनाने के उनके सपने को भी चूर-चूर कर दिया.

फ्रांस में कैसे होते हैं चुनाव
फ्रांस की संसद में पूर्ण बहुमत के ल‍िए 289 सीटें चाह‍िए होती हैं. वोटिंग दो दौर की होती है. पहले दौर में वो सभी उम्मीदवार चुनाव की दौड़ से बाहर कर दिए जाएंगे जो 12.5% वोट नहीं पाएंगे. जो भी प्रत्‍याशी 50% वोट हास‍िल करेगा, उसे जीता हुआ माना जाएगा. आमतौर पर ऐसा होता नहीं है और दूसरे चरण का इंतजार करना होता है. लेकिन इस बार जॉर्दन बरदेला की पार्टी बहुमत से आगे निकलती दिख रही है.

सबसे युवा प्रधानमंत्री होंगे
जॉर्दन बरदेला ने कहा, अगर फ्रांसीसी लोगों ने मुझे वोट दिया तो मैं उनका प्रधानमंत्री बनना चाहूंगा. इससे पहले कभी धुर दक्षिण पार्टियों ने फ्रांस के संसदीय चुनावों का पहला दौर नहीं जीता था. लेकिन नतीजे ऐत‍िहास‍िक हैं. पहले उनकी पार्टी को यहूदी विरोधी और व‍िद्रोह‍ियों की समर्थक मानी जाती थी. लेकिन अब कहा जा रहा है क‍ि जॉर्दन बरदेला ने पार्टी को पूरी तरह बदल द‍िया. यही वजह है क‍ि लोग इस पार्टी को दिल खोलकर समर्थन दे रहे हैं. हालांकि, दुनिया के ल‍िए चिंता की बात है क‍ि अगर ये पार्टी सत्ता में आई तो ये विदेशी मूल के माता-पिता के बच्चों को स्वत: मिलने वाली फ्रांसीसी नागरिकता के अधिकार को ख़त्म कर सकती है. अगर 28 साल के जॉर्डन बारडेला की पार्टी जीती तो ये देश के अब तक के सबसे युवा प्रधानमंत्री बन सकते हैं.

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