पेरिस (Peris)। फ्रांस (France ) के नंतेरे शहर (Nanterre City) में पुलिस अधिकारी (police officer) की गोली से मारे (shot dead) गए 17 वर्षीय किशोर (17-year-old boy) नाहेल को शनिवार को दफनाया गया। नाहेल के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए और नम आंखों से अलविदा कहा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सैकड़ों युवकों का समूह मस्जिद से कब्रिस्तान तक गया। इस दौरान लोगों ने ‘जस्टिस फॉर नाहेल’ (‘Justice for Nahel’) प्रिंटेड शर्ट पहनी थी।
बीते 27 जून को पुलिस अधिकारी ने पेरिस के उपनगर नैनटेरे में अल्जीरियाई मूल के 17 वर्षीय नाहेल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। नाहेल कार चला रहा था, पुलिस अधिकारी ने उसका पीछा किया और ट्रैफिक सिग्नल पर रुकने के दौरान उसे सीने में गोली मार दी। बाद में नाहेल की हत्या करने वाले पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। नाहेल की हत्या के बाद पूरे फ्रांस में विरोध प्रदर्शन और दंगे (Protests and riots in France) हुए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकारी टाउन हॉल, स्कूल और पुलिस स्टेशनों के साथ-साथ सुपरमार्केट जैसी अन्य इमारतों को निशाना बनाया। साथ ही सैकड़ों वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
हिंसा की आग कैरिबियाई देशों तक पहुंची
वहीं, फ्रांस के कई शहरों में भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद चौथी रात भी दंगे भड़के। यहां कई इमारतों और कारों में आग लगा दी गई और दुकानों को लूट लिया गया। अब यह हिंसा अब फ्रांस के बाहर कैरिबियाई देशों (Caribbean countries) में भी पहुंच गई है। फ्रेंच गुयाना में एक 54 वर्षीय व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। यहां सबसे ज्यादा हिंसा भड़की है। दक्षिण अफ्रीका के केयेन में आसपास के क्षेत्र में कई जगह आगजनी के चलते धुएं के गुबार उठते देखे गए। आग की चपेट में यहां एक पुलिस अफसर भी आ गया।
चौथे दिन 1,300 से ज्यादा गिरफ्तार
उधर, फ्रांस में रात भर जारी हिंसक उपद्रवों में कई दुकानों पर लूट हुई। गृह मंत्रालय ने शनिवार सुबह तक चौथे दिन फ्रांस में 1,311 गिरफ्तारियों की घोषणा की। पूर्वी शहर स्ट्रासबर्ग में एपल स्टोर को लूट लिया गया, एक मॉल में फास्ट-फूड आउटलेट तोड़ दी गईं। दंगाईयों ने ल्योन में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। फ्रांस में शनिवार तक 500 इमारतों को निशाना बनाया गया, 2,000 वाहनों को जला दिया गया और 2,500 से ज्यादा दुकानों में तोड़फोड़ की गई।
मैक्रों ने आपातकाल की स्थिति घोषित करने के बजाय वैकल्पिक प्रयास किए
फ्रांस में बढ़ते संकट को देखते हुए सैकड़ों गिरफ्तारियों और बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती के बाद भी हालात काबू में नहीं हैं। राष्ट्रपति मैक्रों ने आपातकाल की स्थिति घोषित करने पर रोक लगाते हुए कानून प्रवर्तन प्रक्रिया तेज कर दी। इसका इस्तेमाल 2005 में भी दंगा नियंत्रण के लिए किया गया था। सरकार ने रात भर में 45,000 पुलिस बल की तैनाती कर दी। कुछ को छुट्टियों से वापस बुलाया गया है। इस बीच, देश भर में सभी सार्वजनिक बसों और ट्रामों को रात के समय बंद करने का आदेश दिया गया है। दंगों में 300 पुलिस अधिकारी और अग्निशमक घायल हुए हैं।
मैक्रों का सोशल मीडिया पर निशाना…
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (President Emmanuel Macron) ने हिंसक हालात के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, सोशल मीडिया ने हिंसा की नाटकीय तस्वीरें प्रसारित कीं, इस कारण दंगा भड़क गया। स्नैपचैट और टिकटॉक पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, इनका इस्तेमाल अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने संवेदनशील सामग्री हटाने को कहते हुए जिम्मेदारी की भावना से काम की अपील की।
कोई हमारे बच्चों को यूं ही नहीं मार सकता : नाहल की मां…
फ्रांस में जिस 17 वर्षीय किशोर नाहल की हत्या की गई उसकी जड़ें अल्जीरिया से हैं। नाहल की मां मौनिया एम. ने कहा कि उनका गुस्सा उस पुलिस कर्मी पर है जिसने उनके बेटे को गोली मारी, न कि पूरे पुलिस बल से। उन्होंने कहा, एक पुलिस अधिकारी बंदूक लेकर हमारे बच्चों पर गोली नहीं चला सकता, हमारे बच्चों की जान नहीं ले सकता।
फुटबालर म्बापे ने की हिंसा रोकने की अपील
फ्रांस के कप्तान काइलिन म्बापे ने उपद्रवियों से हिंसा रोकने की अपील की है। चौबीस साल के म्बापे ने कहा कि हिंसा से कोई हल नहीं निकलता है। विरोध शांतिपूर्ण होना चाहिए। माना जा रहा है कि म्बापे की अपील पूरी फुटबाल टीम की ओर से है। बयान में कहा गया है कि युवा नाहेल के निधन से हर फ्रांसीसी की तरह फुटबालर भी दुख, शोक और पीड़ा में हैं। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved