उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर सहित शहर के प्रमुख मंदिरों में चढ़ाए गए फूलोंं से अगरबत्ती, धूप बत्ती, हवन सामग्री और होली के रंगों का निर्माण हो रहा है। इनकी महक लोगों के घरों तक पहुंच रही है। पिछले करीब 6 वर्षों से पुष्पांजली ईको निर्मित संस्था द्वारा शिव अर्पण ब्रांड के नाम से यह यूनिट मंगलनाथ मार्ग पर संचालित हो रही है। इससे कई लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है।
मंगलनाथ मार्ग स्थित आयुर्वैदिक कॉलेज के समीप इस लघु उद्योग की करीब 6 साल पहले शुरुआत हो गई थी। इस यूनिट का संचालन कर रहे मनप्रीत सिंह अरोरा ने बताया कि शुरुआती तीन महीने के प्रयोग के बाद उत्पादन शुरू कर दिया गया था। यह सारे उत्पादन हर्बल होने से लोग इन्हें पसंद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शहर के प्रमुख मंदिर महाकालेश्वर, मंगलनाथ, हरसिद्धि, सिद्धवट, कालभैरव, चिंतामन गणेश से रोज औसत 4 टन फूल-पत्तियां निकलती हैं। इनका उपयोग अगरबत्ती बनाने में करने का प्रयोग प्रशासन के साथ मिल कर शुरू किया था। आरंभ में उन्होंने महाकाल मंदिर से रोज दो क्विंटल फूलोंं का कचरा लेकर काम शुरू किया था। फूलोंं से अगरबत्ती बनाने में सफल होने के बाद फूलों से धूप बत्ती, हवन सामग्री और होली के रंग बनाने में सफल हुए और इनका निर्माण भी किया जा रहा है। फिलहाल महाकाल सहित अन्य मंदिरों से करीब 4 टन फूलों का निर्माल्य पहुंच रहा है। अगरबत्ती और धूप बत्ती को लोगों ने पसंद कर रहे हैं। उत्पादनों की मांग बढऩे पर दूसरे चरण में इसका बड़ी मात्रा में उत्पादन करने की प्लानिंग है।
एक नजर निर्माण की प्रक्रिया
मंदिरों से निकलने वाले फूलों के साथ पत्तियां व अन्य चीजें शामिल होती हैं, इसलिए कचरे से फूलों को अलग किया जाता है। इन फूलों को सुखाकर पावडर बनाते हैं। इस पावडर के साथ अन्य मसाले मिलाकर अगरबत्ती व धूप बत्ती और हवन सामग्री बनाते हैं। इनसे होली के रंग बनाने में भी सफलता मिली है। इनका उत्पादन भी किया जा रहा है।
पर्यावरण को नुकसान नहीं और रोजगार भी…
मनप्रीतसिंह का कहना है कि इससे कई लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। निर्माण यूनिट में अभी 8 महिलाओं सहित 12 कर्मचारियों का स्टाफ है। इससे होने वाली आय का एक हिस्सा मंदिर समितियों को भी जाता है। बड़ा गणेश मंदिर के सामने यूनिट का अपना स्टॉल भी है। जहां से उत्पादों की बिक्री की जाती है। इसके अलावा मांग होने पर अन्य लोगों को भी सप्लाई किया जाता है।
इनका कहना है
मंगलनाथ रोड स्थित हर्बल अगरबत्ती निर्माण यूनिट को महाकालेश्वर मंदिर से प्रतिदिन लगभग 4 क्विंटल फूलों के निर्माल्य उपलब्ध कराया जा रहा है।
मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक, महाकालेश्वर मंदिर
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