नई दिल्ली: कोरोना (corona) की तीसरी लहर ने दुनिया भर में तबाही मचाई. भारत भी इससे अछुता नहीं रहा. वहीं, अब भारत में कोरोना की चौथी लहर (COVID-19 4th wave) का खतरा बढ़ता जा रहा है. दरअसल कोरोना फिर से रूप बदलकर डरा रहा है. कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टाक्रॉन ने देश के अलग अलग राज्यों में पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. दरअसल डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट के रिकॉबिनेंशन से बना डेल्टाक्रॉन चौथी लहर का कारण बन सकता है. WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर कहा कि ओमिक्रॉन और डेल्टा दोनों के तेजी से फैलने के कारण ये स्थिति आनी ही थी.
खबरों की माने तो कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टाक्रॉन की पहचान भारत में हो चुकी है. इस वैरिएंट के मरीज देश के 7 राज्यों में मिले हैं इन राज्यों में कर्नाटक , तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली का नाम शामिल है. हालांकि कोरोना के इस वैरिएंट पर रिसर्च अभी जारी है. हालांकि इससे बचने के लिए इसके लक्षणों के बारे में जानना और ये वैरिएंट कितना खतरनाक साबित हो सकता है इसे भी जानना बेहद जरूरी है.
वहीं, नेशनल हेल्थ सर्विस ने इस नए वैरिएंट के लक्षणों को लेकर जानकारी दी है कि ओमिक्रॉन और डेल्टा के मिलने से बने इस वायरस के लक्षण पिछली महामारियों जैसे ही हैं. हालांकि विशेषज्ञ अभी भी इसकी निगरानी कर रहे हैं. डेल्टाक्रॉन पर हुए अध्ययन के बाद कुछ विशेष लक्षणों के बारे में जानकारी मिली है. जिसमें दो प्रमुख लक्षण है जो मरीजों में प्रमुख रुप से दिखाई दे रहे हैं उसमें चक्कर आना और थकान होना है. ये लक्षण संक्रमित होने के 2 से 3 दिनों के अंदर महसूस होने लगते हैं. कुछ अध्ययन में यह भी सामने आया है कि डेल्टाक्रॉन का असर पेट में ज्यादा हो रहा है. जिसमें दस्त होना, उल्टी , पेट में दर्द, जलन, सूजन जैसी समस्याएं लोगों को हो रही है.
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