देर रात पुलिस ने पहुंचाया… अब इंदौर ही बनेगा आशियाना
इंदौर। चार जवान बेटों ने अपनी मां को रखने से मना किया, तो व्यथित होकर बुजुर्ग मां बेटी और दामाद से आसरा मांगने इंदौर (Indore) पहुंची, लेकिन यहां भी उसे सिर्फ दुत्कार ही मिली। अब महिला ने पूरी उम्र इंदौर के वृद्धाश्रम में गुजारने की ठानी। पुलिस ने देर रात लावारिस हालत में सिटी बस (City Bus) के आफिस में बैठा देख वृद्धाश्रम पहुंचाया। मजदूरी कर दिन-रात एक कर जिन चार बेटों को बुढ़ापे का सहारा और आखिरी पढ़ाव तक पहुंचाने के चार कंधे समझा था, वही मां को बोझ समझने लगे। न केवल प्रताडि़त कर घर से निकाल दिया, बल्कि बहुओं की जली-कटी सुनकर जीवनयापन करने को मजबूर वृद्धा ने जब इंदौर आकर बेटी और दामाद से आसरा मांगना चाहा तो वह भी उसे नसीब नहीं हुआ। सागर निवासी मथुराबाई उर्फ कुसुमरानी उम्र 75 वर्ष अब इंदौर के ही वृद्धाश्रम में बाकी का जीवन साथी बुजुर्गों की सेवा में व्यतीत करना चाहती है।
पुलिस ने पहुंचाया आश्रम
सुबह से लेकर शाम तक कई बसों के आने-जाने के बावजूद भी जब महिला वहीं बैठी रही तो सिटी बस आफिस के कर्मचारी प्रशांत ने इसका कारण पूछा और पुलिस को खबर दी, जिसके बाद देर रात महिला को पुलिस की सहायता से देवपर्वत स्थित निराश्रित वृद्धाश्रम में भर्ती कराया। संस्था के यश पाराशर ने बताया कि कलियुगी संसार में एक मां पूरा दिन निसहाय होकर सिटी बस के आफिस में बैठी रही। न किराया पास होने और न ही कोई अपना साथ होने के कारण महिला पूरा दिन भूखी-प्यासी कुर्सी पर बैठी आने-जाने वालों को ही निहारती रही। आश्रम में पहुंचते ही राम भगवान का मंदिर और साथी बुजुर्गों को देख महिला के चेहरे पर बिखरी उदासी खत्म हो गई और अब वह यहीं रहना चाहती है।
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