इंदौर। वायु प्रदूषण मापन यंत्र तो शहर के चौराहों पर लगे हैं। वहीं अब भोपाल की तर्ज पर इंदौर में भी लगभग 80 लाख रुपए की लागत वाले 4 ध्वनि प्रदूषण निगरानी स्टेशन बनाए जाएंगे। टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरी होने क बाद ये स्टेशन इंदौर के अलावा जबलपुर और ग्वालियर में भी स्थापित किए जा रहे हैं, जिसके लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राशि दे रहा है।
इंदौर सहित सभी बड़े शहरों में जल, वायु, ध्वनि प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि इंदौर ने वायु प्रदूषण के मामले में तो बेहतर कार्य किया, जिसका अवॉर्ड भी उसे मिला है। लेकिन ध्वनि प्रदूषण भी लगातार इंदौर में बढ़ता जा रहा है। सड़क़ों पर वाहनों के अत्यधिक दबाव के चलते ध्वनि प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी तो होती ही है। वहीं सामाजिक, राजीतिक, धार्मिक आयोजनों से लेकर आतिशबाजी और अन्य कारणों से भी ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है।
कुछ समय पूर्व भोपाल में ध्वनि प्रदूषण जांचने के लिए स्टेशन स्थापित किए गए। अब इसी तर्ज पर इंदौर सहित दो अन्य बड़े शहरों में चार-चार स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। आधुनिक तकनीक से लैस ये स्वचालित स्टेशन हर 24 घंटे में ध्वनि प्रदूषण की स्थिति बताएंगे। राष्ट्रीय शोर प्रबोधन कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ये स्टेशन रियल टाइम एम्बिएंट नॉइज मॉनिटरिंग स्टेशन के नाम से लगा रहा है और इस साल के अंत तक इन स्टेशनों के स्थापना की संभावना भी है। आचार संहिता से पहले टेंडर प्रक्रिया चूंकि हो जाएगी।
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