सुकमा। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के तर्रेम (Tarrem of Bijapur district of Chhattisgarh) में सुरक्षा बल और माओवादियों (Security forces and Maoists) के बीच हुए मुठभेड़ में 4 नक्सली सदस्यों के मारे जाने की जानकारी माओवादियों द्वारा जारी प्रेस नोट में की गई है। जबकि इस मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो चुके हैं। माओवादियों (Maoists) के जारी प्रेस नोट में इस हमले में सुरक्षा बल के 24 जवानों को मारने का दावा किया है। वहीं मुठभेड़ में मारे गए माओवादी साथियों की तस्वीर जारी कर श्रद्धांजलि दी है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प (Dandakaranya Special Zonal Committee spokesperson options) के नाम से जारी प्रेस नोट में माओवादियों ने लापता जवान को अपने कब्जे में सुरक्षित होने की बात कही है। नक्सलियों ने कहा है कि सरकार पहले मध्यस्थों का ऐलान करें। फिर हम बंदी जवान को छोड़ देंगे। माओवादियों ने इस मुठभेड़ में जवानों से 14 हथियार और 2 हज़ार कारतूस लूटे जाने की बात स्वीकारी है। लूटे गए हथियारों की तस्वीर भी माओवादियों ने जारी की है। वहीं शहीद जवानों के परिवारों के प्रति माओवादियों ने खेद भी प्रकट किया है।
वार्ता के लिए संगठन तैयार -प्रेस नोट में माओवादियों ने कहा है कि माओवादी संगठन वार्ता के लिए कभी भी तैयार है। लेकिन इस मसले पर सरकार ईमानदार नहीं है। नक्सलियों के मुताबिक वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने का ज़िम्मा सरकार का है। इसके लिए संगठन हमेशा तैयार है। बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप ने इस संबंध में कहा कि नक्सली भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। पहले भी मिनपा में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई थी और उस समय नक्सलियों ने कहा था कि हमारे तीन साथी मारे गए थे। लेकिन शहीदी सप्ताह के दौरान उन्हें बताना पड़ा था कि उनके 30 से अधिक साथी मारे गए थे।
नक्सलियों को हुआ बड़ा नुकसान: एसपी कमलोचन कश्यप के मुताबिक तर्रेम मुठभेड़ में माओवादियों को बड़ा नुकसान हुआ है। अगस्त में जब नक्सली शहीदी सप्ताह मनाएंगे तो इसकी संख्या लगभग 10 गुना होगी। हमारे जवान बहादुरी से लड़े हैं और नक्सलियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है।