
ग्रामीण राजपूतों ने दिखाई एकजुटता, सामाजिक बुराइयां मिटाने का अभियान
इंदौर। राजपूत समाज (Rajput Society) में बेतहाशा दहेज (excessive dowry) की कुरीति के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए दहेजमुक्त (dowry free) शादी (marriages) कर एक आदर्श प्रस्तुत करने वाले चारों परिवारों को राजपूत समाज ने सामूहिक रूप से सम्मानित किया।
राजपूत समाज का श्रीराम मंदिर और धर्मशाला खुड़ैल में स्थित है। यहां 60 गांव का सामाजिक संरचना के माध्यम से जुड़ाव है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष दूलेसिंह राठौर, बनेसिंह तंवर ने बताया कि समाज में बेतहाशा दहेज का प्रचलन आर्थिक रूप से कमर तोड़ रहा है। शादी-विवाह और अन्य कार्यक्रमों के खर्च आर्थिक कुठाराघात कर रहे हैं। ऐसे में बिना दहेज के अपने बच्चों की शादी करने वाले चार परिवारों के मुखिया लिंबोदा के भगवानसिंह डाबी और देवराखेड़ी के भादरसिंह तंवर, ग्राम नेऊगुराडिय़ा के कमलसिंह तंवर, छोटा बांगड़दा के अर्जुनसिंह चौहान, आंक्या के भगवानसिंह सोलंकी, नेऊगुराडिय़ा के अनूपसिंह तंवर का सम्मान किया गया। उपरोक्त चारों वर पक्ष ने दहेज न लेते हुए सिर्फ कुंकू कन्या स्वीकार करके समाज को एक नई प्रेरणा दी। राजपूत समाज उत्थान एवं कल्याण समिति खुड़ैल में समाज के केबीडी ग्रुप द्वारा इन परिवारों का सामूहिक सम्मान पुष्पहार एवं प्रशस्ति पत्र से किया गया। इस अवसर पर छतरसिंह दरबार, पदमसिंह चावड़ा, कैलाशसिंह पटेल, बनेसिंह तंवर सजनसिंह तंवर, विक्रमसिंह पटेल एवं निर्भयसिंह खुड़ैल बुजुर्ग, विक्रमसिंह गेहलोत आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन धनसिंह राठौड़ ने किया और आभार दिलीपसिंह मोरोद हाट ने माना।
30 अप्रैल को सामूहिक विवाह
राजपूत समाज का 30 अप्रैल को सामूहिक विवाह खुड़ैल में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए। रूपरेखा बनाई गई। वहीं धर्मशाला में टिन शेड और अतिरिक्त निर्माण के लिए संकल्प लिया गया। समाजजनों की ओर से तकरीबन चार लाख रुपए दान की घोषणा भी तत्काल की गई। वहीं सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए लगातार अभियान चलाने और अच्छाइयों को सबके सामने लाने का संकल्प लिया गया, ताकि सामग्र समाजजनों की आर्थिक स्थिति सुधार हो सके।