उज्जैन। पिछले माह उन्हेल में स्कूली वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद आरटीओ और यातायात पुलिस ने स्कूली वाहन सहित सभी लोक परिवहन के वाहनों की जांच का अभियान शुरू किया था। यह अभियान एक सप्ताह भी नहीं चल पाया और शहर की सड़कों पर फिर से तेज गति से स्कूली तथा अन्य वाहन दौडऩे लगे हैं। सिग्नलों पर नाबालिग वाहन चालक भी नियम तोड़ते कैमरों में कैद हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने के आखिरी दिनों में उन्हेल में स्कूली वाहन को ट्रक ने टक्कर मार दी थी और इसमें 4 बच्चों की जान चली गई थी तथा कई घायल हो गए थे। इस घटना के दो-तीन दिन बाद आरटीओ और यातायात का अमला सक्रिय हुआ था। लगभग चार दिन शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में सड़कों पर स्कूली वाहन सहित यात्री बसें और अन्य लोक परिवहन में चलने वाले वाहनों की जांच का अभियान चला था। इस दौरान आरटीओ तथा यातायात अमले ने दो स्कूली वाहन सहित कुछ बसों और ऑटो पर जुर्माना लगाने और जब्त करने की कार्रवाई की थी।
हालांकि इसके बाद कार्रवाई के विरोध में ऑटो चालक एसोसिएशन ने एक दिन की हड़ताल की थी और बाद में आरटीओ से मिलकर सहयोग का भरोसा दिलाया था। इसके बाद से चैकिंग अभियान में सख्ती कम हो गई। कार्रवाई रूकने के बाद एक बार फिर देवासगेट बस स्टैंड से लेकर गाड़ी अड्डे तक और इधर स्टेशन के आगे हरिफाटक ओवरब्रित तक यात्री बसें चाहे जहां खड़ी हो रही है और सवारी बैठाई जा रही है। कार्रवाई के दौरान बंद हुई कई स्कूली बसें और वाहन भी फिर से तेज दौडऩे लगे हैं। इसके अलावा शहर के 16 चौराहों पर लगे इन्टीग्रेटेड ट्राफिक सिग्नलों पर लगे आधुनिक कैमरों में रोजाना सैकड़ो नाबालिग वाहन चालक भी रेड लाईट पर उल्लंघन करते कैद हो रहे हैं। नाबालिग वाहन चालकों के दस्तावेजों की जांच का अभियान भी नहीं चलाया जा रहा।
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