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    चीन की ‘चालाकी’ से मुश्किल में फंसे 4 देश, जानिए क्या है आखिर मामला

  • April 21, 2022

    वॉशिंगटन । चीन और सोलोमन द्वीप समूह (China-Solomon Islands) के बीच हुआ हालिया समझौता इन दिनों सुर्खियों में है। अमेरिका (US) सहित चार देशों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। हालांकि, चीन (China) ने इस समझौते को जायज बताते हुए सफाई दी है कि इस समझौते से किसी अन्य देश को नुकसान नहीं पहुंचेगा। वहीं, सोलोमन द्वीप (Solomon Islands) के प्रधानमंत्री मानसेह सोगावरे (Prime Minister Manasseh Sogaware) ने भी चीन संग सुरक्षा समझौते (Security Agreement with China) की पुष्टि करते हुए इसका बचाव किया है। उन्होंने इसे पूरी तरह से आंतरिक सुरक्षा स्थिति से संबंधित बताया। कहा कि इससे क्षेत्र की शांति और सौहार्द की अनदेखी नहीं होगी।

    दरअसल, इस समझौते से चीन अपनी पुलिस, सशस्त्र बलों, सैन्यकर्मियों और अन्य कानून प्रवर्तन दलों को सरकार के अनुरोध पर द्वीपों पर भेज सकता है। यह चीन के नौसैनिक जहाजों को रसद सहायता के लिए द्वीपों का उपयोग करने की अनुमति भी प्रदान करता है। दोनों पक्ष सामाजिक व्यवस्था के रखरखाव, मानवीय सहायता और प्राकृतिक आपदा से निपटने में सहयोग करेंगे।



    इस समझौते को लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान ने चिंता जताई है। अमेरिका अपने दो शीर्ष अधिकारियों को सोलोमन भेजने की योजना बना रहा है। पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया के सीनेटर जेड सेसेल्जा ने सोलोमन द्वीप का दौरा किया था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि चीन इस द्वीपसमूह में सैन्य बेस स्थापित कर सकता है।

    इस समझौते की बदौलत चीन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित दक्षिण प्रशांत तक सीधी पहुंच बना सकता है। उसे किसी और देश के सहारे की आवश्कता नहीं होगी। संयुक्त राष्ट्र स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका विशेष रूप से इसलिए चिंतित हैं कि इस समझौते से चीन, ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट से सिर्फ 2,000 किमी दूर एक सैन्य अड्डा स्थापित कर सकता है।

    चीन संभावित रूप से इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आसपास के समुद्री यातायात को नियंत्रित कर सकता है। सोलोमन द्वीप समूह का उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानियों के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के लिए एक ढाल के रूप में किया गया था। ऑस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में ब्रिटेन और अमेरिका के आपसी सहयोग से चीन की तुलना में रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास करता रहा है।

    सोलोमन द्वीप दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपों का एक समूह है। यह पापुआ न्यू गिनी के पूर्व और ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्व में हैं। यह दक्षिण प्रशांत के सबसे गरीब देशों में से एक है। 1978 में सोलोमन द्वीप समूह एक गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ। यहां की कुल जनसंख्या 7,17,043 है। वर्ष 2019 में सोलोमन ने ताइवान से अपने सभी प्रकार के राजनयिक संबंध खत्म कर लिए और चीन से नजदीकियां बढ़ाईं।

     

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