इंदौर। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर आने वाले दो से तीन वर्षों में फ्लायओवरों का निर्माण करवाया जाएगा, जिसकी घोषणा इंदौर में ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की थी। लिहाजा प्राधिकरण ने 11 नए फ्लायओवरों के फिजिबिलिटी सर्वे की प्रक्रिया भी कर दी और चार कंसल्टेंसी कम्पनियों के टेंडर मिले हैं, जिनमें से फाइनेंशियल बीड में उपयुक्त पाई जाने वाली कम्पनी को ठेका दिया जाएगा। दूसरी तरफ बीआरटीएस कॉरिडोर में आने वाले चौराहों पर भी फ्लायओवर निर्माण के लिए इन दिनों फिजिबिलिटी सर्वे चल रहा है। चार फ्लायओवरों के निर्माण के बाद प्राधिकरण बड़ा गणपति पर भी फ्लायओवर की तैयारी कर रहा है, तो महूनाका चौराहा का फ्लायओवर अभी अधर में है, क्योंकि रोड चौड़ीकरण की अनुमति शासन से नहीं मिल सकी।
खजराना, भंवरकुआं, फूटी कोठी और लवकुश चौराहा पर तो फ्लायओवरों के निर्माण के चलते यातायात सुगम हो गया है। दूसरी तरफ राजीव गांधी, गोपुर, महूनाका, बड़ा गणपति, चाणक्यपुरी, एमआर-9, कनाडिय़ा रोड, एमआर-12, मरीमाता, गांधी नगर सहित अन्य चौराहों पर भी फ्लायओवर बनाए जाना है। हालांकि अभी एमपीआरडीसी द्वारा भी मूसाखेड़ी, निरंजनपुर, देवास नाका, आईटी पार्क खंडवा रोड और सत्यसांई चौराहा पर चार फ्लायओवरों के निर्माण करवाए जा रहे हैं। आने वाले दो-तीन सालों में डेढ़ दर्जन से ज्यादा फ्लायओवर बन जाएंगे, जिससे शहर के यातायात को गति मिलेगी।
अभी इंदौर विकास प्राधिकरण ने 11 प्रमुख चौराहों पर फ्लायओवर की संभावनाएं तलाश करने के लिए फिजबिलिटी सर्वे करवाना तय किया और चार कम्पनियों ने इसके टेंडर सौंपे हैं, जिसमें टेक्रोजैम कंसल्टेंट, मोनार्क सर्वेयर्स एंड इंजीनियरिंग कंसल्टेंट पुणे, आकार अभिनव कंसल्टेंट मुंबई और दिल्ली की वीकेएस इन्फाटेक मैनेजमेंट प्रा.लि. शामिल है। अब फाइनेंशियल बीड के बाद उपयुक्त कम्पनी को इसका ठेका दिया जाएगा। दूसरी तरफ बीआरटीएस पर भी चार से पांच फ्लायओवर प्रस्तावित हैं, जिन पर फिजिबिलिटी सर्वे बीकेएसटेक्रो द्वारा ही इन दिनों किया जा रहा है। एलआईजी, पलासिया, इंडस्ट्री हाउस, गीता भवन, शिवाजी वाटिका और नवलखा चौराहा पर ये फ्लायओवर प्रस्तावित हैं।
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