लोकायुक्त ने किया चालान पेश…दो को जमानत, एक के खिलाफ वारंट जारी
इंदौर। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने छह साल बाद उनके यहां दर्ज 39 केसों में से चार कॉलेजों (Colleges) के खिलाफ कल कोर्ट में चालान पेश किया। इन कॉलेजों ने एक ही छात्र के नाम पर छात्रवृत्ति (Scholarship) निकाल ली थी, जबकि उसने कभी कॉलेज में एडमिशन (Admission) नहीं लिया था। कोर्ट ने दो कॉलेजों के मालिकों को जमानत दे दी है, जबकि एक के खिलाफ वारंट जारी किया है।
सन् 2014-15 में शहर में पैरामेडिकल कॉलेजों (Paramedical Colleges) में छात्रवृत्ति (Scholarship) के नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया था। इसके बाद लोकयुक्त पुलिस (Lokayukta Police) को पैरामेडिकल कॉलेजों और ईओडब्ल्यू (EOW) को शासकीय कॉलेजों (Government Colleges) की जांच (Investigation) सांैपी गई थी। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने मामले में 39 पैरामेडिकल कॉलेजों (Paramedical Colleges) के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन छह साल बाद पहली बार चालान पेश हुआ है। डीएसपी प्रवीणसिंह बघेल (DSP Praveen Singh Baghel) ने बताया कि कल बी मालवा (Malwa), पायोनियर ( Pioneer), रितुंजय और लिबरल कॉलेजों के खिलाफ चालान पेश किया गया है। जांच में पता चला कि इन कॉलेजों ने एक ही छात्र के नाम पर छात्रवृत्ति (Scholarship) निकाल ली थी, जबकि उस छात्र ने कभी कॉलेज में एडमिशन ही नहीं लिया था। बघेल ने बताया कि मामले में कॉलेज के मालिक मनीष शर्मा और रामअचल यादव को आरोपी बनाया गया था। यादव दो कॉलेज का मालिक है। इन दोनों को कोर्ट ने जमानत दे दी, जबकि लिबरल कॉलेज (Liberal College) का मालिक प्रेम सागर उपस्थित नहीं हुआ था। इसके चलते कोर्ट ने उसका वारंट जारी किया है।
आदिम जाति कल्याण विभाग से कोई आरोपी नहीं बना
बघेल का कहना है कि पैरामेडिकल कॉलेजों (Paramedical Colleges) के मामले से सरकार की स्पष्ट गाइड लाइन थी कि यदि कोई कॉलेज छात्रवृत्ति (Scholarship) में गड़बड़ करता है तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाए और इसके लिए जवाबदार भी कॉलेज को ही बताया गया था। इसके अलावा यदि कोई छात्र गड़बड़ करता है तो उसको ब्लैकलिस्ट (Blacklist) करने का प्रावधान था। इसके चलते इस मामले में आदिम जाति कल्याण विभाग के लोगों को आरोपी नहीं बनाया गया है।
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