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    निगम के चार बड़े प्रोजेक्ट… दो हुए पूरे, दो रह गए अधूरे

  • September 27, 2021

    • 2020 तक काम पूरा करने का था टारगेट
    • कोरोना ने डेढ़ साल पीछे कर दिया

    उज्जैन। नगर निगम में कोरोना महामारी आने से पहले शहर में विकास के चार बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए थे। इन सभी को पूरा करने का लक्ष्य 2020 के अंत तक का था। कोरोना के चलते यह सारे प्रोजेक्ट पिछड़ गए थे। इनमें से दो प्रोजेक्ट जैसे तैसे पूरे हो पाए है, लेकिन दो का काम अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। नगर निगम ने कोरोना महामारी के पूर्व शहर में निर्माण और विकास के 4 बड़े प्रोजेक्ट शुरु किए थे। इसमें कार्तिक मेला विकास, शहर के 9 इलाकों में नई पानी की टंकी का निर्माण, मक्सी रोड पर अटल द्वार का निर्माण तथा एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जिसमें दूध तलाई क्षेत्र में कमर्शियल काम्पलेक्स का निर्माण शामिल हैं। कार्तिक मेला विकास की कार्ययोजना हालांकि मई 2018 से शुरु कर दी गई थी, प्रोजेक्ट की मंजूरी होने के बाद यहाँ शुरुआत से ही काम की रफ्तार धीमी रही।


    कार्तिक मेले के पूर्ण विकास के लिए नगर निगम ने 4 करोड़ 50 लाख की राशि मंजूर की थी, इसमें पूरे मेला क्षेत्र में 25 फीट चौड़ी सड़कें, नालियाँ, पक्की दुकानों के साथ-साथ मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सुंदर बड़ा मंच, मेला परिसर में हरियाली तथा बाउंड्रीवाल के निर्माण शामिल हैं। कोरोना महामारी के पूर्व कार्तिक मेला विकास का काम शुरु भी किया गया था। इसके लिए समतलीकरण का काम आरंभ हो चुका था। कुछ जगह खुदाई और पोल आदि लगाने का काम भी शुरु ही हो पाया था लेकिन 24 मार्च से कोरोना महामारी के कारण अन्य कार्यों के साथ-साथ यहाँ का शुरुआती काम भी बंद हो गया था। हालांकि अनलॉक के बाद यहां काम शुरू किए गए थे, फिर भी मेला प्रांगण विकास के करीब 20 फीसदी काम अभी भी होना शेष है।

    अटल द्वार पूरा, लेकिन उद्घाटन नहीं
    उक्त दो कार्यों के अलावा नगर निगम का एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट मक्सी रोड के बस डिपो चौराहा पर एक करोड़ 60 लाख की लागत से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल द्वार निर्माण का कार्य करना था। यह कार्य पिछले साल मार्च 2019 में आरंभ हुआ था। अधिकारियों ने ठेकेदार को 4 महीने में यह काम पूरा करने का कहा था लेकिन फरवरी माह तक यह काम अधूरे में रोकना पड़ा था। इसके पीछे अधिकारियों ने कारण बताया था कि द्वार के ऊपर से विद्युत मंडल की हाईटेंशन लाईन गुजर रही है, उसे शिफ्ट किए बगैर द्वार के ऊपरी हिस्से का काम करना संभव नहीं। नगर निगम और विद्युत मंडल में इस बात को लेकर कई दिनों तक पत्र व्यवहार चला, उसके बाद मार्च में कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी और यह अटल द्वार अधूरा ही रह गया था। लेकिन बाद में यह द्वार भी बना दिया गया। हालांकि अभी इसका उद्घाटन नहीं हुआ है।

    कमर्शियल काम्पलेक्स का निर्माण हुआ पूरा
    नगर निगम के बड़े प्रोजेक्ट में 7 करोड़ 50 लाख तक की लागत से दूध तलाई स्थित पुराना सुदामा अनाज मार्केट के स्थान पर कमर्शियल काम्पलेक्स निर्माण करना था। वर्ष जून 2019 में इस काम के वर्क ऑर्डर भी जारी हो गए थे। प्रोजेक्ट के अनुसार पुराने सुदामा अनाज मार्केट को तोड़कर जी प्लस 2 कमर्शियल काम्पलेक्स 18 महीने में बनाया जाना था। इसमें 40 दुकानें बनना है तथा बेस मेंट में पार्किंग, ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें तथा दूसरी मंजिल पर ऑफिस रहेंगे। यह निर्माण तय समय सीमा के अनुसार दिसंबर 2020 में ही पूरा हो जाना था लेकिन नहीं हो पाया था। हालांकि लॉकडाउन खुलने के बाद काम में तेजी लाई गई और अब यह काम्पलेक्स बनकर तैयार हो गया है। अभी काम्पलेक्स में दुकानों के विक्रय की प्रक्रिया चल रही है।

    टंकी निर्माण का काम धीमा
    उक्त तीन प्रोजेक्टों के साथ-साथ नगर निगम ने एक और बड़ा प्रोजेक्ट शुरु किया था। इनमें शहर के विभिन्न इलाकों में 9 नई पानी की टंकियाँ बनाना थी। 35 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट में ऋषिनगर, कानीपुरा, सांदीपनि नगर, शंकरपुर, पटेल नगर, अलकापुरी, विक्रमनगर और जूना सोमवारिया क्षेत्र इसके लिए निर्धारित किए गए थे। इन स्थानों पर प्रत्येक बड़ी टंकी 20 मीटर ऊँची तथा 2270 किलोलीटर जल भरण क्षमता के मापदंड के अनुसार बनानी थी। कोरोना काल के पहले तक इनमें से 4 टंकियाँ बना दी गई थी। अभी भी बाकी टंकियों का काम चल रहा है। ठेकेदार ने इस काम को पूरा करने के लिए इसी साल फरवरी 2020 तक का समय निर्धारित किया था। इस समय तक 4 टंकियाँ ही बन पाई। जूना सोमवारिया क्षेत्र में तो टंकी निर्माण का कार्य इस अवधि तक आरंभ नहीं हो पाया था। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि शेष रही टंकियों के निर्माण और इसके बाद सभी का पेयजल सप्लाय लाईन से कनेक्शन आदि काम चल रहा है।

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