नईदिल्ली । जातीय जनगणना का मुद्दा बिहार (Bihar) की सियासत के दो धुर-विरोधियों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kunar) और लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) को एक साथ ले आया है। राष्ट्रीय स्तर पर अगड़े-पिछड़े की लड़ाई (Forward-backward battle) के लिए ये दोनों ने जाति आधारित जनगणना के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की (Met PM Modi) ।
बिहार के नेताओं की मोदी से विस्तार से बातचीत हुई। पीएम ने इस दौरान उन सभी की बात को एक-एक कर के ध्यान से सुना। मीटिंग के बाद बिहार सीएम और तेजस्वी जब बाहर आए, तो साथ में आकर पत्रकारों से बात की। कुमार ने बताया, “जाति आधारित जनगणना से विकास योजनाओं को प्रभावी ढंग से तैयार करने में मदद मिलेगी।” उनके अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी बात धैर्य से सुनी। इस मामले पर प्रधानमंत्री के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मोदी ने इसे (जाति आधारित जनगणना को) ‘‘खारिज नहीं’’ किया और हरेक की बात सुनी।
लालू के छोटे बेटे ने कहा कि अगर पशु और पेड़ गिने जा सकते हैं, तो लोग भी गिने जा सकते हैं। जाति आधारित जनगणना गरीब हितैषी ऐतिहासिक कदम साबित होगा। आगे यह पूछे जाने पर कि क्या राजद और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) करीब आ रहे हैं, तो तेजस्वी ने जवाब दिया कि विपक्ष ने हमेशा जन-समर्थक और राष्ट्र-समर्थक कदमों के लिए सरकार का समर्थन किया है। इस प्रतिनिधिमंडल में कुमार और यादव के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत कई अन्य दलों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। कुमार और यादव ने जाति आधारित जनगणना का मजबूती से समर्थन किया।
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