– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
भारतीय राजनीति में दशक बनाम वर्ष का नारा पुराना है। इस बार योगी सरकार ने तथ्यों एवं प्रमाणों के आधार पर इस मुद्दे को उठाया है। मेडिकल कॉलेज,एयर पोर्ट एक्सप्रेस वे आदि पर पर सत्तर वर्ष के मुकाबले पांच वर्ष की उपलब्धि के आंकड़े दिए गए। वाण सागर सहित दशकों से लंबित सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण की गईं। इस क्रम में एक नाम और जुड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरयू नहर सिंचाई योजना का लोकर्पण करेंगे। चालीस वर्षाें में इस पूरी परियोजना का करीब बावन प्रतिशत ही कार्य ही किया गया था। इसके विपरीत विगत पांच वर्षों के बीच सरयू नहर परियोजना का शेष अड़तालीस प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया। नौ जनपदों के बीच साढ़े छह सौ किलोमीटर से अधिक लम्बी नहर प्रणाली बनायी गयी है। घाघरा नदी को सरयू नदी से सरयू को राप्ती नदी से, राप्ती को बाणगंगा नदी से, बाणगंगा को रोहिन नदी के साथ जोड़कर पूरी नहर प्रणाली विकसित की गयी है। यह परियोजना नदी जोड़ो अभियान का बेहतरीन उदाहरण है। परियोजना से प्रदेश के नौ जनपदों के चौदह लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। इससे लगभग तीस लाख किसान लाभान्वित होंगे।
केंद्र व उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकारों को दशकों से लंबित अनेक परियोजनाओं को पूर्ण करने का श्रेय प्राप्त है। इस अवधि में सिंचाई योजना के माध्यम से भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों को व्यापक रूप से धनराशि उपलब्ध कराई गई। इससे सिंचाई की बेहतर सुविधा सृजित करने में और तेजी आयी है। वर्तमान राज्य सरकार ने इसका भरपूर लाभ उठाया है। इसी का परिणाम है कि केन्द्र सरकार के सहयोग से सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना अब बनकर पूरी हो चुकी है। नरेन्द्र मोदी का शनिवार 11 दिसम्बर को ही जनपद बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लोकार्पण का कार्यक्रम बना। यह परियोजना जनपद बहराइच, श्रावस्ती,गोण्डा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर तथा महराजगंज तक नौ जनपदों को जोड़ती है। सरयू नहर की योजना वर्ष 1972 में बन गयी थी। वर्ष 1978 में इस पर कार्य प्रारम्भ हुआ। प्रारम्भिक रूप से देवीपाटन मण्डल के तीन जनपदों में यह कार्य किया जाना था। 1982 में इस परियोजना का विस्तार नौ जनपदों तक कर दिया गया। लगभग चालीस वर्षाें में इस परियोजना का आधा अधूरा कार्य किया गया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे लोकापर्ण की स्थिति तक पहुंचाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस योजना का लाभ प्राप्त होने से इस क्षेत्र के किसानों की आमदनी में कई गुना वृद्धि होगी। उनके जीवन में खुशहाली आएगी। प्रधानमंत्री ने किसानों की आमदनी दोगुना करने का संकल्प लिया था। उस संकल्प को सिद्ध करने की दृष्टि से यह परियोजना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
सिंचाई सुविधाओं के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में तीर्थाटन व पर्यटन विकास की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया है। प्रयागराज में भव्य दिव्य कुंभ के आयोजन से सरकार ने दुनिया को एक सन्देश दिया था। इसके साथ ही काशी- अयोध्या -मथुरा आदि स्थानों का विकास किया जा रहा है। काशी में श्री विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का उद्घाटन 13 दिसंबर को होगा। विंध्याचल कॉरिडोर का निर्माण प्रगति पर है। प्रदेश सरकार ने ब्रज क्षेत्र की धरोहरों की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया है। ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा ब्रज क्षेत्र के समग्र विकास के लिए विभिन्न विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। सरकार ने मथुरा वृन्दावन को नगर निगम का दर्जा प्रदान किया है।
वृन्दावन बरसाना, नन्दगांव गोवर्धन,राधाकुण्ड गोकुल तथा बलदेव को तीर्थ स्थल घोषित किया है। योगी आदित्यनाथ ने मथुरा की मांट तहसील में दो सौ करोड़ रुपये से अधिक लागत की करीब दो सौ विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मथुरा से प्रदेश के विभिन्न जनपद अच्छी सड़कों के माध्यम से जुड़ चुके हैं। प्रदेश में विभिन्न एक्सप्रेस वे, हाई वे,सड़कों के निर्माण, मेट्रो एवं एयरपोर्ट के विकास के साथ नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को विकसित करते हुए आधारभूत अवसंरचना को मजबूत किया गया है। लोगों की आस्था के अनुरूप अयोध्या में श्रीराम के भव्य मन्दिर का निर्माण प्रगति पर है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बिना भेदभाव के निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा रही है। सही मायनों में यह विद्युत प्रकाश उत्तर प्रदेश में विकास की उजास की तरह है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)
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