नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया (Dr. Arvind Panagariya, former Vice Chairman of NITI Aayog) की अध्यक्षता में सोलहवें वित्त आयोग (Sixteenth Finance Commission) का गठन किया है। वहीं, ऋत्विक रंजनम पांडे (Ritwik Ranjanam Pandey) को आयोग का सचिव बनाया गया है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रपति की मंजूरी से संविधान के अनुच्छेद 280(1) के तहत सोलहवें वित्त आयोग का गठन किया गया है। सोलहवें वित्त आयोग के सदस्यों की जानकारी अलग से दी जाएगी। मंत्रालय के अनुसार वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच कर आय का वितरण, भारत की संचित निधि से राज्यों के राजस्व के सहायता अनुदान और राज्यों को उनके राजस्व के सहायता अनुदान के जरिए भुगतान की जाने वाली राशि को नियंत्रित करने वाले सिद्धांत को लेकर सिफारिशें देगा। इसके साथ ही राज्य में पंचायतों व नगर पालिकाओं के संसाधनों की पूर्ति के लिए राज्य की समेकित निधि को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय से संबंधित सिफारिशें भी करेगा।
इसके अलावा सोलहवां वित्त आयोग आपदा प्रबंधन पहल के वित्तपोषण पर वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर सकता है। सोलहवें वित्त आयोग से अनुरोध किया गया है कि वह 01 अप्रैल 2026 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि को कवर करते हुए अपनी रिपोर्ट 31 अक्टूबर 2025 तक उपलब्ध कराए।
उल्लेखनीय है कि पनगढ़िया को 2015 में योजना आयोग के स्थान पर बने नीति आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया था। प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। पनगढ़िया ने 2017 में यह पद छोड़ दिया था और कहा था कि वे अपने शैक्षणिक कार्यों में लौट रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि भारत 2026 तक पांच ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पनगढ़िया एशियाई विकास बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के साथ भी काम किया है। वह कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर भी रहे हैं।
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