नई दिल्ली । अमेरिका (America) के पूर्व विदेश मंत्री और सीआईए के पूर्व निदेशक माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने याह्या सिनवार (Yahya Sinwar) की मौत को लेकर अमेरिकी सरकार (US Government) पर निशाना साधा है.
पोम्पियो ने कहा कि भगवान का शुक्र है कि बाइडेन और कमला हैरिस की सीजफायर की मांग को इजरायल ने नहीं सुना. अगर सुना होता तो सिनवार आज जिंदा होता और पहले से ज्यादा इजरायलियों और अमेरिकी नागरिकों की हत्या की साजिश रच रहा होता.
Thank God Israel refused to listen to Biden and Harris when they demanded a ceasefire. If it had, Yahya Sinwar would be alive today, plotting to murder even more Israelis and Americans.
Israel must continue its righteous mission of destroying Iranian-backed terrorists, which…
— Mike Pompeo (@mikepompeo) October 17, 2024
उन्होंने कहा कि इजरायल को ईरान समर्थित आतंकियों को नष्ट करने के लिए सही रास्ते पर आगे बढ़ता रहना चाहिए, जो अधिक सुरक्षित मिडिल ईस्ट की राह सुनिश्चित करेगा.
बता दें कि इजरायल के विदेश मंत्री इसराइल काट्ज ने गुरुवार को हमास चीफ याह्या सिनवार की मौत की पुष्टि की थी. इजरायल ने डीएनए जांच के आधार पर इसकी पुष्टि की थी.
काट्ज ने जारी बयान में कहा था कि इजरायल में पिछले साल सात अक्टूबर को किए गए हमले के लिए जिम्मेदार याह्या सिनवार आज आईडीएफ हमले में मारा गया. उन्होंने कहा कि इजरायली सैनिकों के ऑपरेशन में हमास चीफ सिनवार को मार गिराया गया. वह सात अक्टूबर के हमले का मास्टरमांइड था.
सिनवार की मौत पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इतिहास में होलोकास्ट के बाद यहूदियों पर किए गए सबसे भयावह नरसंहार को अंजाम देने वाले शख्स को मार गिराया गया है. इजरायल ने सिनवार को मारकर हिसाब बराबर कर दिया है. लेकिन हमारी जंग अभी खत्म नहीं हुई है.
कौन था याह्या सिनवार?
इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुए हमले का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार इस साल अगस्त में हमास प्रमुख बना था. इस्माइल हानियाह की ईरान में एक विस्फोट में हत्या के बाद उसे हमास की कमान सौंपी गई थी. 1962 में जन्मा सिनवार हमास के शुरुआती सदस्यों में से एक था. हमास का गठन 1987 में हुआ था.
उसे 1980 के दशक के अंत में इजरायल द्वारा गिरफ्तार किया गया था. सिनवार ने 12 संदिग्ध सहयोगियों की हत्या करने की बात स्वीकार की थी, जिसके कारण उसे “खान यूनिस का कसाई” कहा जाने लगा था. आखिरकार, सिनवार को उसके अपराधों के लिए चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसमें 2 इजरायली कर्मियों की हत्या भी शामिल थी.
माना जाता है कि सिनवार ने हमास के सशस्त्र विंग के नेता मोहम्मद डेफ के साथ मिलकर 7 अक्टूबर को इजरायल पर अचानक हुए हमले की साजिश रची थी. इस हमले में 1200 इजरायली मारे गए, जिनमें से ज्यादातर नागरिक थे. इसके बाद फिलिस्तीन पर हो रहे इजरायली हमलों में अब तक 40 हजार से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं.
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