नई दिल्ली । पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का पार्थिव शरीर मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। लोधी रोड स्थित श्मशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम करीब साढ़े पांच बजे दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रिफरल अस्पताल में निधन हो गया था। वह 84 वर्ष के थे और कोरोना के चलते तीन सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे। भारत सरकार ने मुखर्जी के सम्मान में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया। कोविड-19 सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों और अन्य कोरोना संबंधित प्रोटोकॉल के कारण पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को सामान्य गन कैरिज की जगह हार्स वैन में ले जाया गया। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने पिता की अंतिम क्रिया की। इस बीच अभिजीत और परिवार के अन्य सदस्य पीपीई किट पहने हुए थे।
राजकीय सम्मान के तहत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सैन्य सलामी दी गई। उनका अंतिम दाह-संस्कार दिल्ली के लोधी रोड श्मशान में किया गया। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी के पार्थिव शरीर को मंगलवार की सुबह सवा 9 बजे दिल्ली के 10 राजाजी मार्ग स्थित उनके आवास पर श्रद्धांजलि के लिए रखा गया। वहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।
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