नई दिल्ली: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishna) को सात दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया गया है. उन्हें CBI ने रविवार रात को को-लोकेशन स्कैम केस (Co- Location Scam) में गिरफ्तार किया था. इससे पहले शनिवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था.
सीबीआई ने फरवरी में तीन दिन उनके साथ पूछताछ की थी. उसने 24 और 25 फरवरी को उनके घर पर जांच-पड़ताल भी की थी. अधिकारियों ने कहा कि वे सही जवाब नहीं दे रही थीं. सीबीआई सुब्रमण्यन के साथ सवाल-जवाब करके खुद के द्वारा जुटाए गए सबूतों की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है. एजेंसी मार्च 2018 से मामले की पड़ताल कर रही है, लेकिन उन्हें रहस्यमय हिमालय में रहने वाले योगी की पहचान करने के लिए कोई मजबूत सबूत नहीं मिला है, जिसके साथ रामकृष्ण महत्वपूर्ण जानकारी को साझा कर रही थीं.
2013 में मिली थी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की कमान
NSE ने 1994 में अपनी शुरुआत के एक साल के भीतर भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार के तौर पर 100 साल पुराने BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) को पछाड़ दिया था. NSE के परिष्कृत एल्गोरिथम आधारित सुपरफास्ट ट्रेडिंग में एक तकनीकी खराबी आने से शेयर कारोबार की पुरुष प्रधान दुनिया में रामकृष्ण को एनएसई के शीर्ष पद पर आने का मौका मिला.
एनएसई में पांच अक्टूबर 2012 की सुबह आई इस तकनीकी खराबी से निवेशकों के लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का सफाया हो गया. एनएसई के सीईओ रवि नारायण को पद छोड़ना पड़ा और कुछ महीने बाद 13 अप्रैल 2013 को एनएसई की कमान औपचारिक रूप से चित्रा रामकृष्ण को सौंप दी गई. आज 59 साल की रामकृष्ण एक विचित्र घोटाले के केंद्र में हैं, जब सेबी की जांच में यह पता चला कि एक्सचेंज के प्रमुख व्यावसायिक फैसले लेने में उन्हें एक रहस्यमय हिमालयी योगी निर्देश दे रहे थे.
चित्रा रामकृष्ण पर था ‘आध्यात्मिक गुरु’ का प्रभाव
बाजार नियामक सेबी के एनएसई मामले में 190 पेज के आदेश में अन्य बातों के अलावा यह कहा है कि एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी चित्रा रामकृष्ण पर हिमालय की पहाड़ों में रहने वाले ‘आध्यात्मिक गुरु’ का प्रभाव था. यह मामला आनंद सुब्रमण्यम को मुख्य रणनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्ति किए जाने और उनका पदनाम बदलकर समूह परिचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक के सलाहकार किए जाने के लिए कंपनी संचालन में खामियों से भी जुड़ा है.
सेबी के आदेश के मुताबिक, अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ पद पर रहीं रामकृष्ण कथित तौर पर हिमालय में रहने वाले इस योगी को ‘शिरोमणि’ कहकर बुलाती रही हैं. इसके बारे में NSE के पूर्व प्रमुख का दावा है कि वह हिमालय की पहाड़ियों में रहते हैं और उन्हें 20 साल से व्यक्तिगत और पेशेवर मामले में सलाह देते रहे हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved