नई दिल्ली: बिहार के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद (life prison) की सजा सुनाई गई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में यह फैसला सुनाया है. इतना ही नहीं प्रभुनाथ सिंह को पीड़ितों को 10 लाख रुपये का मुआवजा भी देना होगा. राष्ट्रीय जनता दल के नेता रहे प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं. इस मामले में RJD नेता के अलावा भी अन्य आरोपी थे लेकिन निचली कोर्ट ने उन्हें पहले ही रिहा कर दिया था.
डबल मर्डर केस में दोषी ठहराए गए प्रभुनाथ सिंह को भी निचली अदालत से राहत मिल गई थी. इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था. हाई कोर्ट ने भी उनकी रिहाई के आदेश के फैसले को सही ठहराया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजय किशन कौल वाली तीन जजों की बेंच ने प्रभुनाथ सिंह को 1995 के डबल मर्डर केस में आरोपी ठहराया. बेंच ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए सिंह को दोषी ठहराया और उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई. इसके अलावा उन्हें मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया.
किस मामले में पाए गए दोषी?
यह पूरा मामला 1995 का है जब राज्य में चुनाव (state elections) हो रहे थे. बिहार के पूर्व सांसद प्रभुनाथ (Former MP Prabhunath Singh) के ऊपर आरोप लगा था कि उन्होंने 47 साल के राजेंद्र राय (Rajendra Ray) और एक युवा दरोगा को इसलिए मरवा दिया था क्योंकि उन्होंने सिंह के समर्थित प्रत्याशी (endorsed candidate) को वोट (Vote) नहीं दिया. प्रभुनाथ ने दोनों से अपना समर्थन देने को कहा था.
हाई कोर्ट ने भी कर दिया था रिहा
मृतकों का परिवार हाईकोर्ट के फैसले से न खुश था, जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. मृतकों के परिवार ने कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करते हुए इस मामले पर सुनवाई की मांग की थी. जिस पर आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. पूर्व सांसद का केस पहले निचली अदालत में चला और फिर हाई कोर्ट पहुंच गया था. दोनों कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह की रिहाई के आदेश दिए थे. पटना हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए प्रभुनाथ सिंह की रिहाई के आदेश दिए थे.
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