पटना (Patna) । रणवीर सेना सुप्रीमो रहे बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड (Brahmeshwar Mukhiya murder case) में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) की ओर से आरा के एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) की ओर से सीबीआई (CBI) की पूरक चार्जशीट (आरोप पत्र) खारिज करने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी गई है। ब्रह्मेश्वर मुखिया उर्फ ब्रह्मेश्वर सिंह के पुत्र इंदू भूषण की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट की ओर से सोमवार को यह आदेश जारी किया गया है। अब इस मामले आगामी 22 जुलाई को सुनवाई होनी है। हाई कोर्ट के इस फैसले से पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय सहित अन्य आरोपितों की मुश्किलें फिर बढ़ गयी हैं।
हालांकि आरोपितों सहित सभी लोगों की निगाहें 22 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी है। बताते चलें कि बीते अप्रैल माह में आरा की एमपी-एमएलए विशेष अदालत की ओर से ब्रम्हेश्वर मुखिया हत्याकांड के मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआई की ओर से दाखिल पूरक चार्जशीट को खारिज कर दिया गया था। हत्याकांड के आरोपित रितेश सिंह उर्फ मोनू सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से सीबीआई की चार्जशीट खारिज की गयी थी। तब कोर्ट ने केस में ट्रायल शुरू होने के बाद बिना अदालत के आदेश के सीबीआई की ओर से अनुसंधान करने को गलत माना था। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ ब्रह्मेश्वर सिंह उर्फ मुखिया के पुत्र इंदू भूषण की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। इस पर हाई कोर्ट की ओर से निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी गई। बता दें कि सीबीआई की ओर से करीब दस साल की जांच के बाद बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में पिछले साल दिसंबर माह में चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसमें पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय और रितेश सिंह उर्फ मोनू सिंह सहित आठ लोगों को आरोपित किया गया था।
मामले में 21 मार्च को रितेश सिंह उर्फ मोनू सिंह की ओर स्थानीय अदालत में सीबीआई की ओर से दायर आरोप पत्र को रद्द करने की याचिका दायर की गयी थी। याचिका पर सीबीआई के साथ-साथ एपीपी सियाराम सिंह की ओर से अपना पक्ष रखा गया था। रितेश सिंह उर्फ मोनू सिंह की ओर से वकील की ओर से भी बहस की गयी थी। इसके बाद कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर आरोप पत्र को कानून की नजर में गैर स्थायी पाया। कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट (चार्जशीट) पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। कोर्ट की ओर से कहा गया है कि यह सत्र परीक्षण में मुकदमा शुरू होने के बाद और अदालत से किसी अनुमति या आदेश के बिना दाखिल की गई है।
दस साल बाद सीबीआई ने दाखिल की थी चार्जशीट
शहर के नवादा थाना क्षेत्र के कतिरा मोहल्ले में एक जून 2012 की सुबह प्रतिबंधित रणवीर सेना के प्रमुख रहे ब्रह्मेश्वर नाथ सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। अहले सुबह सैर करने के दौरान कतिरा स्थिति उनके घर के नजदीक ही हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद भोजपुर और पटना सहित सूबे के कई जगहों पर बवाल मचा था। उस मामले में उनके पुत्र इंदु भूषण की ओर से अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। तब आरा के नवादा थाने की पुलिस ने वर्ष 2012 में दो आरोप पत्र दाखिल किए। एक आरोप पत्र में छह, जबकि दूसरे में दो लोगों को आरोपित बनाया गया था। बाद में आंदोलन और राजनीतिक दबाव को देखते हुए सरकार की ओर से मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने 17 जुलाई, 2013 को घटना का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। करीब दस साल की जांच के बाद पिछले एक दिसंबर 2023 को सीबीआई की ओर से आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी। उसमें पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय सहित चार को नये कथित आरोपित के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, जबकि शेष चार पहले से ही इस मामले में अन्य लोगों के साथ आरोपित थे और मुकदमे का सामना कर रहे थे। अब अदालत ने अभियोजन साक्ष्य के लिए मौजूदा सत्र परीक्षण को आगे बढ़ाने का आदेश पारित किया है।
चार्जशीट के बाद जनवरी में सीबीआई ने कोर्ट में सौंपी थी डायरी
बीते दिसंबर माह में चार्जशीट दाखिल करने के बाद सीबीआई की ओर से ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में आठ जनवरी को कोर्ट में डायरी डायरी सौंप गयी दी। इसके लिए सीबीआई के अफसर भी कोर्ट पहुंचे थे। तब सीबीआई की ओर से 168 पेज की डायरी सहित करीब पांच सौ पन्ने के दस्तावेज कोर्ट में सौंपे गये थे। बता दें कि दस साल की जांच के बाद सीबीआई की ओर से दिसंबर माह में आरा के तृतीय अपर जिला एवं सेशन कोर्ट सह विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल की गयी थी। तब सीबीआई की ओर से डायरी नहीं सौंपी गयी थी। चार्जशीट में पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय, नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, अभय पांडेय, रितेश कुमार उर्फ मोनू, प्रिंस पांडेय, अमितेश कुमार पांडेय उर्फ गुड्डू पांडेय, बालेश्वर राय और मनोज राय उर्फ मनोज पांडेय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी। सभी लोगों पर राजनीतिक षड़यंत्र के तहत ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या करने का आरोप लगाया गया है। इनमें अभय पांडेय, नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, रितेश उर्फ मोनू और प्रिंस पांडेय पहले से इस केस में भोजपुर पुलिस की ओर से चार्जशीटेड थे और जमानत पर थे।
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