भोपाल। मप्र भाजपा (MP BJP) में दमोह (Damoh) उपचुनाव में हार के बाद उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश नेतृत्व द्वारा पूर्व मंत्री जयंत मलैया (Jayant Malaiya) को नोटिस (Notice) थमाए जाने के बाद भाजपा (BJP) में दो गुट बन गए हैं। एक गुट के नेता प्रदेश नेतृत्व की कार्यवाही को अनुचित ठहरा रहे हैं, जबकि दूसरा गुट मौन है। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई (Ajay Vishnoi) के बाद अब पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी (Himmat Kothari) और कुसुम सिंह मेहदेले (Kusum Singh Mehdele) ने भी मुंह खोल दिया है। साथ ही भाजपा के अन्य नेता भी कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि ये वे नेता हैं, जो मप्र भाजपा में कभी फं्रट लाइन में थे, लेकिन अब बैकपुट पर जा चुके हैं।
पूर्व मंत्री जयंत मलैया को चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देकर थमाए का कारण बताओ नोटिस से मप्र सरकार के कद्दावर मंत्री एवं दमोह उपचुनाव के प्रभारी गोपाल भार्गव भी खिन्न हैं। बतौर भार्गव प्रभारी के नाते उनसे कार्रवाई से पूछे चुनाव के बारे में पूछा ही नहीं गया। इतना ही नहीं जनसंघ के जमाने से लेकर अभी तक संगठन में कई पदों पर रहे वरिष्ठ नेता बिजेन्द्र सिंह सिसौदिया ने भी सोशल मीडिया पर अपने एक सपने के जरिए मौजूदा भाजपा को कांगे्रस के रास्ते पर जाने वाली पार्टी बता दिया है। पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले ने भी कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। सबसे पहले पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने मलैया पर कार्रवाई के बाद ट्वीट के जरिए दमोह उपचुनाव के प्रभारी मप्र सरकार के मंत्री भूपेन्द्र सिंह और प्रदेश नेतृत्व को भ्ीा कठघरे में खड़ा कर दिया है। उल्लेखनीय है कि मलैया के समर्थन में दबी जुवान से भाजपा के कई नेता है, लेकिन खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। जो नेता मलैया के समर्थन में आए हैं, उनकी मौजूदा भाजपा संगठन में कोई पूछपरख नहीं है। इनमें से हिम्मत कोठारी, कुसुम मेहदेले, अजय विश्नोई और गोपाल भार्गव मलैया के साथ लंबे समय तक सरकार में मंत्री रहे हैंं।
मलैया और सिद्धार्थ पर आरोप प्रत्यारोप कतई उचित नहीं है। उपचुनाव करवाना भी उचित नहीं था। ्र
कुसुम सिंह मेहदेले, पूर्व मंत्री
चुनाव में हार की जवाबदारी क्या टिकिट बांटने वाले और चुनाव प्रभारी भी लेंगे।
अजय विश्नोई, पूर्व मंत्री एवं विधायक
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