भोपाल। राजधानी में संपदा संचालनालय ने 74 बंगले में स्थित पूर्व मंत्री लाखन सिंह का बंगला मंगलवार को सील कर दिया। कई बार नोटिस देने के बाद भी पूर्व मंत्री ने बंगला खाली नहीं किया तो आज संपदा विभाग ने सील करने की कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान लाखन सिंह बंगले पर ही मौजूद थे। हालांकि, संपदा संचालनालय की टीम के अधिकारियों ने बताया कि बंगले में ताला लगा था, इसलिए हमने बंगला सील कर दिया है औार इसका नोटिस भी चस्पा कर दिया है। उन्होंने पहले पूर्व मंत्री लाखन सिंह को नोटिस देकर बंगला खाली करने को कहा था, लेकिन बंगला खाली नहीं किया। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों के बंगलों को लेकर कार्रवाई जारी है। पिछले हफ्ते ही संपदा विभाग की टीम ने पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ के चार इमली स्थित बंगला खाली कराने के लिए पहुंचा। पूर्व मंत्री साधौ का बंगला किसी और मंत्री के नाम अलॉट हो चुका है। उन्हें संपदा विभाग की ओर से तीन बार बंगला खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन उन्होंने बंगला खाली नहीं किया। उसी को लेकर आज पुलिस की टीम के साथ संपदा और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी बंगला खाली करवाने पहुंच गए।
पूर्व मंत्री का बंगला सील हो चुका
इससे पहले पूर्व मंत्री तरुण भनोट के भी बंगला खाली नहीं करने को लेकर सियासत हो चुकी है। भनोट का 4 इमली स्थित बी-16 वीडी शर्मा को अलॉट किया गया था। बंगला खाली न करने पर संपदा विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी उनका बंगला सील कर चुके हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने शिवराज सरकार को अंधी, बहरी, लूली, लंगड़ी, सरकार बताया है। साधौ ने पूर्व मंत्रियों के बंगले खाली करवाने के मुद्दे पर भाजपा की शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार चुन-चुनकर एससी और एसटी के विधायकों और पूर्व मंत्रियों को बंगला खाली करवाने का नोटिस दे रही है। साधौ ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में 15 महीने हमारी सरकार ने भाजपा के कई नेता जो मंत्री पद पर नहीं रहे उनसे कभी बंगला खाली करवाने नोटिस नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि मंत्री भूपेन्द्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, जगदीश देवड़ा, पारस जैन, सुरेन्द्र पटवा, रामपाल सिंह, कृष्णा गौर, दीपक जोशी जैसे भाजपा नेता कमलनाथ सरकार के दौरान सरकारी बंगलों में रहे। लेकिन हमने द्वेषपूर्ण कार्रवाई नहीं की। जिसमें सुरेन्द्र पटवा और कृष्णा गौर तो मात्र विधायक है जिन्हें बी टाइप बंगले मिले हुए हैं।
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