भोपाल। प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण सरकार पर हो चुका है। बजट का 50 प्रतिशत हिस्सा केवल वेतन, भत्तों, ऋण के भुगतान और ब्याज अदायगी पर व्यय हो रहा है। सरकार 27 फरवरी से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र प्रस्तुत करे ताकि प्रदेशवासियों को वास्तविक स्थिति पता चले। सरकार से यह मांग पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने शुक्रवार को की।
पटवारी ने भोपाल में मीडिया से चर्चा में कहा कि सरकार भले ही आर्थिक स्थिति ठीक होने का दावा करे, लेकिन वास्तविकता अलग है। आज हर वर्ग महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है। आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। ऋण लेकर सरकार काम चला रही है। इसका असर बजट पर भी नजर आने लगा है। सरकार अपनी आय का बड़ा हिस्सा ऋण और ब्याज के भुगतान में व्यय कर रही है। इससे अन्य योजनाओं के लिए पर्याप्त राशि विभागों को नहीं मिल पा रही है। सरकार को बजट सत्र में श्वेत पत्र जारी कर आर्थिक स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
पटवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा सरकार की शराब नीति को लेकर उठाए जा रहे प्रश्नों का उत्तर नहीं दिए जाने पर भी आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि आबकारी नीति में पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा उठाए मुद्दों का शामिल कर रही है या नहीं। कांग्रेस पहले ही उमा भारती द्वारा उठाए जा रहे विषयों का समर्थन कर चुकी है। मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से प्रश्न पूछने को लेकर उन्होंने कहा कि वे जनता के प्रश्नों का उत्तर देने से बचने के लिए स्वयं प्रश्न कर रहे हैं। जबकि, मुख्यमंत्री का दायित्व है कि वे जनता की जो जिज्ञासाएं हैं, उनका समाधान करें। प्रदेश कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष की व्यवस्था समाप्त करने के विषय पर उन्होंने कहा कि संगठन ने अभी ऐसी कोई सूचना नहीं दी है। पार्टी के चिंतन शिविर में पांच साल पद पर रहने की बात हुई थी, जब यह अवधि पूरी होगी तो मैं स्वयं पद छोड़ दूंगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved