इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी (Former Chief Minister Kailash Joshi) के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी (Former minister Deepak Joshi) को लेकर आज सुबह बड़ी खबर सामने आई थी। कहा जा रहा था कि दीपक जोशी एक बार फिर घर वापसी कर सकते हैं। वो कांग्रेस का हाथ छोड़कर फिर से बीजेपी (BJP) में शामिल हो सकते हैं। लेकिन दोपहर होते होते इस मामले में फिर से बाजी पलट गई और सूत्रों के हवाले से खबर है कि दीपक (Deepak) फिलहाल तो पाला नहीं बदलने वाले हैं। इस मामले में बीजेपी (BJP) से जुड़े कई बड़े नेता लगातार दीपक जोशी की वापसी की कोशिश में लगे हुए हैं। लेकिन दीपक जोशी ने इस बारे में कुछ भी खुलकर नहीं कहा है, वे फिलहाल मौन धारण किए हुए हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले दीपक बीजेपी में आ जाएंगे।
कौन हैं दीपक जोशी
13 जून 1962 में जन्मे दीपक जोशी ने बीकॉम और एलएलबी तक शिक्षा हासिल की है। पूर्व सीएम और राजनीति के संत कहे जाने वाले नेता कैलाश जोशी के पुत्र हैं। दीपक 2003 में बागली, 2008 और 2013 में हाटपिपल्या से भाजपा विधायक रहे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में राज्यमंत्री भी रहे हैं। विदिशा से कांग्रेस के संभावित लोकसभा प्रत्याशियों में दीपक जोशी का नाम प्रमुखता से सामने आया था। हालांकि, दीपक ने कहा था कि उनके गृह जिले देवास की विधानसभाएं अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र में विभाजित हैं। ऐसे में भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते।
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस जॉइन ली थी
बता दें कि 2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ देवास जिले की हाटपिपल्या से कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी ने भाजपा जॉइन की थी। दीपक जोशी को हराकर मनोज चौधरी विधायक बने थे। चौधरी के बीजेपी में आने के बाद दीपक जोशी को चुनाव लड़ने के लिए टिकट की संभावना नहीं बची थी। दीपक ने तत्कालीन शिवराज सरकार पर अपने पिता स्वर्गीय कैलाश जोशी के स्मारक बनवाने में उदासीनता बरतने और खुद की उपेक्षा के आरोप लगाकर बीजेपी छोड़ दी थी। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दीपक ने कांग्रेस जॉइन कर ली थी।
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