मुंबई । महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की जमानत (Bail) पर आज विशेष कोर्ट फैसला सुना सकती है। यह मामला भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज केस से जुड़ा है। मनी लांड्रिंग केस (money laundering case) में उन्हें जमानत मिल चुकी है। दोनों मामलों में जमानत मिलने पर वह जेल से बाहर आ सकते हैं।
सीबीआई उनके खिलाफ भ्रष्टाचार व मंत्री पद के दुरुपयोग के मामले की जांच कर रही है। 71 साल के देशमुख को ईडी द्वारा दर्ज मनी लांड्रिंग मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 4 अक्तूबर को जमानत दे दी है। विशेष सीबीआई जज एसएच ग्वालानी ने गुरुवार को उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी कर ली थी और उस पर आदेश सुरक्षित रखा था।
पिछले साल 2 नवंबर को गिरफ्तार हुए थे देशमुख
राकांपा नेता अनिल देशमुख को 2 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था। वे अभी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। पिछले सप्ताह उन्हें कोरोनरी एंजियाग्राफी के लिए मुंबई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देशमुख अभी मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। वे महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार में मंत्री थे। यह सरकार राकांपा, कांग्रेस व शिवसेना ने मिलकर बनाई थी।
परमबीर सिंह ने लगाया था हर माह 100 करोड़ वसूली का आरोप
मार्च 2021 में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस को अधिकारियों को मुंबई की होटलों व बार से हर माह 100 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य दिया था। इससे पहले देश के अग्रणी उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित निवाए एंटेलिया के बाहर विस्फोटक लदी एसयूवी खड़ी करने के मामले में सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद ही पूरे मामले का खुलासा हुआ था और देशमुख को गिरफ्तार किया गया था।
हाईकोर्ट ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को देशमुख के खिलाफ आरोपों की जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीबीआई ने देशमुख व उनके करीबियों के खिलाफ भ्रष्टाचार व पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए एफआईआर दायर की थी। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों के बाद हाईकोर्ट के जांच के आदेश पर देशमुख ने अप्रैल 2021 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
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