नई दिल्ली। संवेदनशील वीडियो अपलोडिंग मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ट्विटर इंडिया के पूर्व एमडी मनीष माहेश्वरी को नोटिस जारी किया है। शीर्ष अदालत के नोटिस पर ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को चार हफ्ते में जवाब देना होगा। दरअसल, यूपी सरकार ने एक संवेदनशील वीडियो की जांच के लिए माहेश्वरी की उपस्थिति की मांग करने वाले नोटिस को रद्द करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
क्या है मामला
संवेदनशील वीडियो अपलोडिंग को लेकर यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया के पूर्व एमडी मनीष माहेश्वरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था जिसे मनीष ने कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी। इसके बाद उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने गाजियाबाद पुलिस को किसी तरह के सख्त कदम ना उठाने के निर्देश दिए थे। अदालत के इस आदेश के बाद यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
बुजुर्ग का वीडियो वायरल होने के बाद माहेश्वरी आए थे विवाद में
गाजियाबाद के लोनी इलाके के एक बुजुर्ग का वीडियो पिछले दिनों ट्विटर पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में बुजुर्ग ने मुस्लिम होने के चलते खुद की पिटाई होने, दाढ़ी काटे जाने और जबरदस्ती जय श्री राम के नारे लगवाए जाने का आरोप लगाए थे। हालांकि यूपी पुलिस ने जांच के बाद इसका खंडन किया था। पुलिस का कहना था कि यह मामला तांत्रिक साधना से जुड़ा हुआ था और उसी के चलते उसकी पिटाई युवकों ने की थी। इसी मामले में ट्विटर का नाम भी शामिल किया गया ह।
जानिए कौन हैं मनीष माहेश्वरी
मनीष माहेश्वरी ने दिल्ली के प्रतिष्ठित श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) से पढ़ाई की है। यहां पढ़ने के दौरान उन्होंने छात्र संघ चुनाव में भी हिस्सा लिया था। वह यहां के छात्रों की पत्रिका के संपादक भी रहे। अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेने के लिए उन्हें कॉलेज के सर्वोच्च सम्मान प्रिंसिपल मदन मोहन मेडल से सम्मानित किया गया था। एसआरसीसी से स्नातक करने के बाद वह एमबीए (मास्टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) करने के लिए अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ पेनिसिल्वेनिया के व्हार्टन स्कूल चले गए। यहां उन्हें उद्यमिता के लिए सर्वोच्च सम्मान शिल्स-जाइडमैन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
माहेश्वरी ने अपना करियर प्रॉक्टर एंड गैंबल (पी एंड जी) के साथ शुरू किया था। यहां वह सबसे कम उम्र के क्षेत्रीय प्रवासी मैनेजरों में से एक थे। पी एंड जी के साथ काम करते हुए उन्होंने मुंबई, सिंगापुर और मनीला में काम किया था। इसके बाद वह अमेरिका की मैकिंजी कंपनी से जुड़े। साल 2011 में उन्होंने टेक्स्टवेब (TxtWeb) की स्थापना की। यह प्लेटफॉर्म एप डेवलपर्स को एसएमएस आधारित एप विकसित करने की अनुमति देता है। टेक्स्टवेब सिटिजन जर्नलिज्म के लिए सबसे बड़े मोबाइल प्लेटफॉर्म्स में से एक बन गया जहां लोग अपनी मातृभाषा में सूचना पा सकते हैं और साझा भी कर सकते हैं।
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