नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन (Scientist Nambi Narayanan) ने शुक्रवार को एनएसयूटी (NSUT) के छात्रों को अपनी समस्याओं से दृढ़ता के साथ निपटने की सलाह देते हुए जासूसी मामले (espionage cases) में अपना नाम पाक साफ करने के लिए संघर्ष करने की अपनी पीड़ा को याद किया।
नारायणन नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) के पहले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा, “अगर आपके पास दृढ़ संकल्प है, तो मुझे यकीन है कि आप सफल होंगे और आपको चिंता करने का कोई कारण नहीं है।”
मुझे कुछ झूठे आरोपों के साथ एक कोने में धकेल दिया गया… मुझे पूरे देश से लड़ना था- केंद्र, राज्य सरकार, मीडिया, लोगों और समाज से। मैंने अकेले ही इसे लड़ा और केस जीत लिया। 24 साल की कानूनी लड़ाई के बाद नारायणन ने 2018 में जासूसी मामले में खुद को निर्दोष साबित किया था। वर्ष 1994 का यह मामला दो वैज्ञानिकों और मालदीव की दो महिलाओं सहित चार अन्य लोगों द्वारा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेजों को देश के बाहर हस्तांतरित करने के आरोपों से संबंधित है।
इस दौरान एनएसयूटी के कुलाधिपति और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने स्नातकों को अपनी शिक्षा का उपयोग वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अपने भविष्य के प्रयासों में नैतिक नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व को भी रेखांकित किया।
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