नई दिल्ली । बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी(Border-Gavaskar Trophy) के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International cricket)से संन्यास की घोषणा (Announcement of retirement)करने वाले पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Former Indian spinner Ravichandran Ashwin)ने एक बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा किया है। अश्विन ने दावा किया है कि वह पिछले साल मार्च में इंडिया वर्सेस इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के अंत में संन्यास लेना चाहते थे। हालांकि, एमएस धोनी के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए, लेकिन वे इस बात से खुश हैं कि एमएस धोनी ने उनको एक बड़ा गिफ्ट दिया।
दरअसल, चेन्नई सुपर किंग्स की किताब ‘लियो-द अनटोल्ड स्टोरी’ के लॉन्च में शामिल हुए अश्विन के मुताबिक, उन्होंने दिग्गज भारतीय क्रिकेटर और पूर्व कप्तान एमएस धोनी को धर्मशाला में अपने 100वें टेस्ट (7-11 मार्च 2024) के लिए स्मृति चिन्ह सौंपने के लिए आमंत्रित किया था, क्योंकि वह उस मैच को टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी मैच बनाना चाहते थे। हालांकि, उस मैच के लिए धोनी नहीं पहुंचे और उन्होंने खेलना जारी रखा।
स्पोर्ट्सस्टार के मुताबिक, “मैंने अपने 100वें टेस्ट (धर्मशाला में) के लिए एमएस (धोनी) को स्मृति चिन्ह सौंपने के लिए बुलाया था। मैं इसे अपना आखिरी टेस्ट बनाना चाहता था, लेकिन वह नहीं आ सके।” हालांकि, अश्विन ने माना है कि धोनी ने उनको इससे भी बड़ा गिफ्ट दिया। अश्विन ने माना कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि धोनी उन्हें फिर से सीएसके के लिए खेलने का तोहफा देंगे।
भारत के सबसे सफल स्पिनरों में शामिल अश्विन ने सीएसके में वापसी करने पर कहा, “मुझे नहीं लगा था कि वह (धोनी) मुझे सीएसके में वापस लाने का तोहफा देंगे। यह बहुत बेहतर है। इसलिए, ऐसा करने के लिए एमएस, आपका धन्यवाद। मैं यहां आकर खुश हूं।” अश्विन भारत के लिए टेस्ट और इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट निकालने वाले गेंदबाज हैं। अपने 100वें टेस्ट में उन्होंने 9 विकेट निकाले थे। उस मैच में भारत को पारी और 64 रनों से जीत मिली थी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved