नई दिल्ली। अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) की वेब सीरीज ‘IC-814: द कंधार हाइजैक’ (Web series ‘IC-814: The Kandahar Hijack’) पिछले हफ्ते नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हुई. इस वेब सीरीज ने साल 1999 में पांच आतंकवादियों द्वारा इंडियन एयरलाइंस के विमान (Indian Airlines aircraft) IC-814 को हाइजैक करने की घटना को फिर से स्पॉटलाइट में ला दिया है. इस हाइजैकिंग में शामिल संगठनों, विशेषकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (Pakistani intelligence agency) ISI (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) की संलिप्तता को लेकर बहस होती रही है. इस घटना के समय गोपालस्वामी पार्थसारथी (Gopalaswami Parthasarathy) पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त थे. उन्होंने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की भागीदारी और इस्लामाबाद की प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी।
गोपालस्वामी पार्थसारथी ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि IC-814 की हाइजैकिंग में पूरी तरह से पाकिस्तानी भागीदारी थी. उन्होंने कहा, ‘इस हाइजैकिंग में शामिल आतंकवादी पाकिस्तानी थे, रिहा किये गये आतंकवादी पाकिस्तानी थे. अल-कायदा की संलिप्तता का कोई सवाल ही नहीं है. मामले की सच्चाई यह है कि अल-कायदा का पाकिस्तान के साथ इस हद तक कोई अच्छा रिश्ता नहीं था कि वे उनके लिए विमान अपहरण को अंजाम दें.’ आईएसआई को कथित तौर पर क्लीन-चिट देने और हाइजैकर्स को अफगानिस्तान और आतंकी संगठन अल-कायदा से जोड़ने के लिए नेटफ्लिक्स की इस वेब सीरीज की आलोचना हो रही है।
पार्थसारथी ने दावा किया कि हो सकता है कि कुछ लोग अफगानिस्तान से काम कर रहे हों, उन्होंने आगे कहा कि तालिबान तब आईएसआई का ही एक्सटेंशन था. उसके इशारे पर काम कर रहा था. भारतीय प्लेन की हाइजैकिंग पर पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर, जी पार्थसारथी ने इसे एक शब्द में कहा- दोहरा चरित्र. उन्होंने कहा, ‘हमसे कहते कि हम सभी उचित कदम उठाएंगे, और फिर उस पर अमल नहीं करते थे. अपहरण के कुछ दिनों बाद, मैं अपने अधिकारी को कंधार भेजना चाहता था, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने हर तरह के खेल-खेले।
IC-814 हाइजैकिंग में PAK की स्पष्ट भूमिका
इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट, जो काठमांडू से दिल्ली जा रही थी, अफगानिस्तान के कंधार में लैंड करने से पहले, अमृतसर, लाहौर और दुबई में रुकी थी. पार्थसारथी ने कहा, ‘हाइजैक हुए प्लेन के लाहौर आने पर, मैं वहां जाने के लिए तैयार था. मुझे इस्लामाबाद से लाहौर तक जिस प्लेन में जाना था, उन्होंने (पाकिस्तानी अधिकारियों ने) उसे जानबूझकर लेट कराया. मुझे एक हेलिकॉप्टर दिया गया और जब मैं लाहौर के आधे रास्ते में था, तो उन्होंने मुझे बताया कि IC-814 वहां से आगे के लिए उड़ान भर चुका है.’ पूर्व भारतीय राजनयिक इस हाइजैकिंग में पाकिस्तान की स्पष्ट भूमिका को लेकर आश्वस्त थे।
ISI ने हाइजैकर्स की हर स्तर पर मदद की थी
उन्होंने कहा, ‘इस घटना में आईएसआई बहुत करीब से जुड़ा था. उन्होंने प्लेन हाइजैकिंग के दौरान आतंकियों का हर स्तर पर सहयोग किया था. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत सरकार द्वारा इस क्राइसिस से निपटने में कोई चूक और गलतियां हुईं? गोपालस्वामी पार्थसारथी ने कहा, ‘यह कहना मुश्किल है कि गलती हुई थी, क्योंकि हाइजैकर्स हथियारों से लैस थे और विमान के अंदर सैकड़ों भारतीय यात्री थे. उस समय सैन्य तौर पर कुछ प्रयास करना गैर-जिम्मेदाराना होता. हम अपने ही लोगों के साथ जोखिम में डालने को तैयार नहीं थे।
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