नई दिल्ली (New Delhi) । गाजीपुर (Ghazipur) के कब्रिस्तान में पूर्व विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. लेकिन उसकी मौत पर सवाल उठ रहे हैं. जिसके चलते इस मामले में न्यायिक जांच (judicial investigation) के आदेश भी दिए गए हैं. मुख्तार के परिवार ने उसे स्लो प्वाइज़न दिए जाने का आरोप लगाया है.
जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसकी मौत की वजह सिर्फ हार्ट अटैक बता रही है. मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर अब यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि परिवार और जनता के सभी संदेहों को दूर करने के लिए मुख्तार अंसारी मौत मामले में सीबीआई जांच जरूरी है.
मौत कैसे हुई, ये अंदाजा लगाना संभव नहीं
उन्होंने कहा कि, मुख़्तार अंसारी की मौत कैसे हुई इसका अंदाजा लगाना न तो संभव है और न ही उचित है. चूंकि वह राज्य की अभिरक्षा में था और उसने न्यायालय में यह आरोप लगाया था कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है, उसकी हत्या की जा सकती है, तो ऐसे में कोई शक न रह जाए इसलिए राज्य सरकार CBI जाँच के लिए भी रिक्वेस्ट भेजे और जल्दी से जल्दी इसमें CBI जांच कराई जाए. CBI जांच से इसमें साफ़ हो पाएगा कि क्या मामला था. सारी बात निकल कर सामने आ सके.
‘आरोप लगने के साथ ही मौत हो गई, इसलिए संदेह’
जेल में हत्या कैसे हो सकती है, इस सवाल को लेकर वह कहते हैं कि, ‘होने को तो कुछ भी हो सकता है. जो फर्जी मुठभेड़ कर सकते हैं, करीब 250 पुलिस वाले सजायाफ्ता और under trial मिलाकर जेल में है. जब police का आदमी मर्डर कर सकता है क्या नहीं कर सकता है. चूंकि उसने आरोप लगाया और वो घटना हो गई, सिर्फ आरोप लगाते तो कोई बात नहीं थी, लेकिन बिना आरोप के घटना हो जाती तो भी अपराध है, पर इस मामले में तो दोनों चीज़ें मिल जाने से संदेह तो पैदा होना ही है.
संशय की हवा को साफ करना जरूरी
कोई कुछ कहे न कहे हर आदमी के दिमाग में संदेह उत्पन्न होता है, जो संशय की हवा पैदा हो रही है उसको साफ करना बेहद ज़रूरी है. राज्य सरकार का स्टैंड है कि हम क़ानून के शासन में विश्वास रखते हैं तो उसको क्लियर करने के लिए ज़रूरी है कि इसमें CBI जांच हो और कोई इसमें सही जांच नहीं कर सकता है.’
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