नई दिल्ली। भारत को इस महीने के आखिर में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है। इस सीरीज से विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों को आराम दिया गया है जबकि शिखर धवन को टीम की कप्तानी सौंपी गई है। धवन ने पिछले साल भी श्रीलंका में वनडे और टी20 में भारतीय टीम की कप्तानी की थी। 35 साल के धवन 50 ओवरों के क्रिकेट में कप्तानी करने वाले भारत के सबसे उम्रदराज कप्तान हैं।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा धवन को कप्तान बनाए जाने से खुश हैं, लेकिन उन्होंने प्रत्येक सीरीज में अलग अलग कप्तान बनाने पर चिंता जाहिर की है। पिछले कुछ महीनों में, भारतीय क्रिकेट ने विराट कोहली, रोहित शर्मा, केएल राहुल, ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह और अब धवन को कप्तानी की भूमिका में देखा है।
चोपड़ा ने अपने यूटयूब चैनल पर कहा, ‘इतने सारे कप्तानों के साथ, मेरा एक सवाल है कि क्या भारतीय कप्तानी हासिल करना इतना आसान हो गया है। क्या इसके पीछे बहुत सारे खेल कारण हैं? क्या चोटें एक कारण हैं? या यह वर्कलोड मैनेजमेंट कारण है? क्या भारतीय क्रिकेट सही हाथों में है? अलग-अलग कप्तानों के अलग-अलग दर्शन होंगे तो क्या ऐसा नहीं है कि हम अलग-अलग दिशाओं में जा रहे हैं?”
चोपड़ा का मानना है कि टीम को सैटल होने की जरूरत है। टीम मैनेजमेंट की कार्य योजना में कार्यभार प्रबंधन, चोटों और कोरोनावायरस ने भी एक प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ‘ विश्व कप की तैयारी करते समय, एक तय टीम के लिए लंबे समय तक एक साथ खेलना महत्वपूर्ण है। यदि आप अलग-अलग खिलाड़ियों को मौका देते रहते हैं तो यह उनकी गलती नहीं है जब वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं। और अगर कुछ खिलाड़ी फॉर्म से बाहर हैं और उन्हें आराम मिलता है तो फिर वे फॉर्म में कैसे लौटेंगे? मुझे निश्चित रूप से लगता है कि आपको जितना हो सके उतना क्रिकेट खेलना चाहिए।’
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