नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने कांग्रेस शासन के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान की बेटी को पश्चिम विहार स्थित उसके मायके से सकुशल मुक्त कराकर शेल्टर होम भेज दिया है। पीड़िता ने महिला आयोग में शिकायत कर अपने पिता और भाई पर बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। महिला आयोग ने इस बाबत कोई मामला नहीं दर्ज करने पर दिल्ली पुलिस को एक नोटिस जारी किया है और एक जनवरी तक सारी जानकारी मुहैया करने का निर्देश दिया है।
महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया कि शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे और चार बार के विधायक राजकुमार चौहान की बेटी ने एक पत्र के जरिए अपनी शिकायत दिल्ली सरकार को दी। जिसमें उसने आरोप लगाया गया कि उसे उसके पिता मायके में बंधक बनाकर रखे हुए है और उससे मारपीट की जाती है। पत्र में पीड़िता ने उसे मुक्त कराने की गुहार लगाई थी। शिकायत पर संज्ञान लेकर आयोग की टीम गठित की गई। टीम ने सोमवार रात दिल्ली पुलिस को लेकर पश्चिम विहार के उक्त पते पर दबिश दी।
इस दौरान पीड़िता ने टीम को बताया कि उसकी शादी साल 1999 में हुई थी। उसकी दो बेटियां हैं। पति के साथ मतभेद के चलते पिछले दस साल से वह मायके में रह रही हैं। उसका पति के साथ चंडीगढ़ में तलाक का मामला चल रहा है। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति ने दूसरी महिला से शादी कर ली। जब उसने शादी करने की कोशिश की तो पिता और भाई ने राजनीतिक छवि खराब होने के डर से ऐसा नहीं करने दिया। उसके पिता उसे घर में बंधक बनाकर रखे हैं। पिता और भाई उसके साथ मारपीट करते हैं। पीड़िता की छोटी बेटी ने भी मारपीट की बात की पुष्टि की।
आयोग की टीम पीड़िता व उसकी बेटियों को पुलिस स्टेशन ले गई। जहां उनकी काउंसलिंग की गई। पीड़िता ने लिखित में दिया कि वह पिता के साथ नहीं रहना चाहती और उनके खिलाफ कार्रवाई चाहती है। कानूनी प्रक्रिया के बाद पीड़िता को शेल्टर होम भेज दिया गया। पुलिस ने इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं की है और सिर्फ डेली डायरी में एंट्री की है। जिसपर महिला आयोग ने नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस को नोटिस भेजा है। आयोग ने पीड़िता और उसके बच्चों के सुरक्षा इंतजाम की भी मांगी है। उधर इस मामले में राजकुमार चौहान से संपर्क किया गया, उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
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