भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राजधानी भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है। मप्र में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज से मुलाकात पर उमा भारती ने कहा कि कल शिवराज जी मेरी बात हुई। अब मेरा पूरा फोकस शराबबंदी पर है। शराबबंदी अचानक उत्पन्न भाव नहीं है, बल्कि समाज की स्थित देखने के बाद हुआ है। शिवराज जी से मैंने कहा कि आप पहले निषेध स्थान से शराब दुकान हटाए। उन्होंने कहा कि आप जागरूकता अभियान से शुरू करिए।
अचानक शराब दुकानों पर पहुंचेंगी उमा भारती
पूर्व सीएम उमा भारती ने आगे कहा कि बैरसिया के पास गुनगा गई तो, शराब दुकान के सामने खड़ी हुई। इतने में ही आसपास लोग आ गए और बोले दीदी दुकान बंद कराएं। ऐसे ही एक दिन भोपाल की किसी दुकान के सामने जाऊंगी और लोगों से पूछुंगी कि क्या आप शराब दुकान से खुश है। यानी अब उमा भारती अचानक शराब दुकानों पर पहुंचेंगी। गंगा सागर के दर्शन मेरे हो चुके हैं। अब मेरा पूरा फोकस शराबबंदी पर है, सीएम शिवराज से इस विषय पर चर्चा हुई है। शराबबंदी के खिलाफ जागरूकता अभियान से शुरुआत करने पर बात बनी है। शराबबंदी से कोई अटेंशन नहीं चाहिए, न लीडर बनना है। शराबबंदी के अभियान को लेकर विधायकों से भी बात करेंगे।
शिवराज, वीडी बहुत अच्छे व्यक्ति
उमा भारती ने कहा कि शिवराज सिंह, वीडी शर्मा बहुत अच्छे व्यक्ति हैं। संतुलित जीवन जीते हैं। कांग्रेस के नेताओं ने जो कहा है कि वह मेरा समर्थन करेंगे, तो वह करें यह राजनीतिक नहीं सामाजिक अभियान है। उमा भारती ने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बहुत अच्छे से सरकार चलाई है। उनके नेतृत्व पर कहीं कोई संशय की बात नहीं है। मध्यप्रदेश में भी मैं पूरी ताकत से कैंपेनिंग करूंगी। मैं जो भी करती हूं वह नेता या सीएम बनने के लिए नहीं करती हूं।
मैं जहां-जहां गई, वहां भी जीत हुई
पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर उमा भारती ने कहा कि सबसे पहले में खुशी व्यक्त करती हूं कि सबसे बड़े प्रदेश में यूपी में भाजपा की सरकार बनी है। मैं जहां-जहां गई, वहां भी जीत हुई है। उत्तराखंड में हमारा अनुमान था कि बनेगी या नहीं, लेकिन वहां भी भाजपा का परफॉर्मेंस बढिय़ा रहा है। भारत अब भाजपामय हो रहा है। 2014 से नई आज़ादी का दौर चल रहा है और लंबा चलेगा। उमा भारती ने कहा कि आगामी चुनाव में राजस्थान और छत्तीसगढ़ से कांग्रेस बाहर हो जाएगी। एमपी में विपक्ष में बैठने लायक नहीं बचेंगे। यूपी समेत चार राज्यों में विकासवाद और राष्ट्रवाद की जीत हुई है।
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