इंदौर। मतदान के पहले दलबदल पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। मालिनी गौड़ के खास रहे और निगम के पूर्व सभापति शंकर यादव भाजपा छोड़ गए थे, लेकिन कल मुख्यमंत्री की मौजूदगीे में उन्होंने वापस भाजपा का दुपट्टा थाम लिया, वहीं दस कांग्रेसी नेताओं ने भी कल भाजपा की सदस्यता ले ली।
मुख्यमंत्री शिवराजिसंह चौहान जब महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव का नामांकन फार्म जमा कराने आए थे, तभी तय हुआ था कि मंच पर शंकर यादव आएंगे और वे भाजपा की सदस्यता फिर से ले लेंगे, लेकिन उस समय समीकरण बन नहीं पाए और मामला टल गया, लेकिन कल जब मुख्यमंत्री आए तो यादव को भाजपा में शामिल कर लिया। यादव कांग्रेस में एडजस्ट नहीं हो पा रहे थे, वहीं हिंदूवादी छवि और शुरू से संघ की पाठशाला में जाने वाले यादव सीएए और एनआरसी को लेकर कांग्रेस द्वारा किए गए आंदोलन में भी अपने आपको असहज महसूस कर रहे थे। उनकी घर वापसी में गौड़ खेमे की भूमिका पर्दे के पीछे रही है। एकलव्यसिंह गौड़ भी लंबे समय से उनकी वापसी को लेकर प्रयासरत थे तो यादव भी भाजपा में आना चाह रहे थे। कल विधिवत वे भाजपा में आ ही गए, इसी मंच पर दस अन्य कांग्रेस नेता भी भाजपा में शामिल हुए।
ऐनवक्त पर भाजपा के बागी ने भी दिया समर्थन…कैरो परिवार की बहू भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने निकली
इधर दूसरी और वार्ड नंबर 45 में कल भाजपा प्रत्याशी सविता अखंड को समर्थन दे दिया। सविता भाजपा की नगर महामंत्री भी हैं और पार्षद भी रही हैं। उन्हें पार्टी ने 45 नंबर में अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया था, लेकिन यहां कैरो परिवार की बहू रंजीता राकेश कैरो खड़ी हो गई थीं। एक तरह से वे भाजपा की बागी उम्मीदवार ही थीं, लेकिन कल उन्होंने भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला और चुनाव प्रभारी अजीतसिंह रघुवंशी की समझाइश के बाद सविता को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी और कल से ही उनके पक्ष में जनसंपर्क भी शुरू कर दिया। रंजीता का कहना था कि हम सबको मिलकर पार्टी को मजबूत बनाना है और इसमें वे सविता अखंड का साथ देंगी।
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