भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) के लिए टिकटों की घोषणा के बाद बीजेपी के एक और पूर्व मंत्री बगावती तेवर दिखा रहे है. साल 2018 के चुनाव में बड़वारा से पराजित (Defeated by Barwara) हुए मोती कश्यप (Moti Kashyap) बीजेपी से बगावत करते हुए निर्दलीय (independent candidate) मैदान में उतरने के संकेत दिए है. उन्होने जिला निर्वाचन कार्यालय से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र प्राप्त (received nomination papers) कर लिया है.
यहां बताते चले कि मोती कश्यप मांझी समाज के कद्दावर नेता गिने जाते है. मोती कश्यप को साल 2013 के चुनाव के बाद गठित शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में मत्स्य पालन विभाग का मंत्री बनाया गया था. इस बार मोती कश्यप की सीट भी बदल दी गई थी.उन्हें कटनी जिले की बड़वारा सुरक्षित सीट से मैदान में उतारा गया था. लेकिन साल 2018 के चुनाव में प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री मोती कश्यप को हार का सामना करना पड़ा था.
पूर्व मंत्री मोती कश्यप ने इस बार भी बड़वारा सीट से बीजेपी की टिकट मांगी थी, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह धीरेंद्र सिंह को प्रत्याशी बना दिया. अब मोती कश्यप ने बगावती तेवर अपना लिए है. उन्होने कटनी के जिला निर्वाचन कार्यालय से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र प्राप्त कर लिया है. मीडिया से बातचीत में मोती कश्यप ने कहा कि वे कल गुरुवार (26 अक्टूबर) या परसों शुक्रवार (27 अक्टूबर) नामांकन जमा करेंगे.
मोती कश्यप के इस कदम से बीजेपी में भोपाल तक हड़कंप की स्थिति है. कहा जा रहा है कि अगर उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला तो बड़वारा में बीजेपी की जीत का रास्ता कठिन हो जाएगा. इसका असर आसपास की सीटों पर भी पड़ सकता है. मोती कश्यप की गिनती मांझी समाज के बड़े चेहरे के रूप में होती है. इस सीट पर मांझी समाज के तकरीबन 33 हजार वोट है. ऐसे में मोती कश्यप की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ जाएगी. कुछ दिनों पहले उनके पुत्र ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है.
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