इंदौर। पूर्व महाधिवक्ता (Former Advocate General) आनन्द मोहन माथुर ( Anand Mohan Mathur) का निधन आज 22 मार्च शनिवार को हो गया है । अंतिम संस्कार (last rites) कल दिनांक 23 मार्च रविवार को रामबाग मुक्तिधाम में 11 बजे होगा। अंतिम यात्रा निज निवास 14 – B, रतलाम कोठी इन्दौर से सुबह 10 बजे निकलेगी।
इंदौर के वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजसेवी आनंद मोहन माथुर का 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 95 वर्ष की आयु तक वे सामाजिक आयोजनों और आंदोलनों में सक्रिय थे और वकालत भी करते थे। इसके बाद से वे बीमार हो गए थे। लंबी बीमारी के चलते ही उनका निधन हो गया। आनंद मोहन माथुर ने इंदौर के लिए कई उल्लेखनीय काम किए हैं। खुद के खर्च पर उन्होंने शहर में एक सभागृह, झूला ब्रिज और ओपीडी सहित अन्य काम कराए थे। वे कई संगठनों से भी जुड़े थे। उनके निधन पर कई संगठनों और नागरिकों ने शोक व्यक्त किया है।
मिल में मजदूरी भी की
वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजसेवी माथुर ने आजादी आंदोलनों में भी भाग लिया था। किशोरावस्था में वे अंग्रेजों के खिलाफ हो रहे आंदोलनों में हिस्सेदारी करने लगे थे। इसका खामियाजा उनके परिवार को भुगतना पड़ा। साथ ही उन्हें अपने परिवार का साथ भी छोड़ना पड़ा था। इसके बाद वे गांव से इंदौर आ गए। उन्होंने मालवा मिल में बदली मजदूर के रूप में काम किया। इसके अलावा उन्होंने काॅलेज में अध्यापन कार्य भी किया। उनका सपना डाॅक्टर बनने का था, लेकिन फिर बाद में उन्होंने वकील बनने का निर्णय लिया। वकील बनकर उन्होंने अपने पेशे को बड़ी निष्ठा से निभाया। वकालत कर उन्हें जो भी फीस मिलती थी, उसका बड़ा हिस्सा वे समाजसेवा से जुड़े कामों में खर्च करते थे।
देश का प्रतिनिधित्व भी किया
माथुर ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कानून विशेषज्ञों के रूप में देश का प्रतिनिधित्व भी किया है। उन्होंने इंदौर की कान्ह नदी पर एक झूला ब्रिज बनवाया। इसके अलावा आनंद मोहन माथुर सभागृह का निर्माण भी कराया। बाइपास पर उन्होंने बेशकीमती जमीन समाज से जुड़े कामों के लिए दे दी। समाजसेवा से जुड़े कई ट्रस्टों में वे ट्रस्टी की भूमिका में लंबे समय तक रहे।
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